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कालीसिंध थर्मल पावर परियोजना में बड़ा घोटाला, बजरी के ठेके में ब्लैकलिस्टेड फर्म को मिला फ्लाई ऐश का ठेका

झालावाड़ की कालीसिंध थर्मल पावर परियोजना में फ्लाई ऐश का टेंडर डालते समय फर्म द्वारा जो शपथ पत्र दिया गया. उस पर भी अब सवालिया निशान लग गए हैं. फर्म ने शपथ पत्र में कहा है कि वह किसी भी विभाग में ब्लैकलिस्ट नहीं है.

कालीसिंध थर्मल पावर परियोजना में बड़ा घोटाला, बजरी के ठेके में ब्लैकलिस्टेड फर्म को मिला फ्लाई ऐश का ठेका

Rajasthan News: राजस्थान के झालावाड़ में स्थित कालीसिंध थर्मल पावर परियोजना में घोटाला करने का आरोप लगाया गया है. आरोप है कि बजरी के ठेके ब्लैकलिस्टेड हो चुकी फर्म को फ्लाई ऐश का ठेका दिया गया है. हालांकि पूरे मामले में ठेका लेने वाली फर्म और अधिकारी सभी काम नियमानुसार होने की बात कह रहे है. लेकिन दूसरी ओर फर्म के खिलाफ मामले को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है और ठेका निरस्त करने की मांग जोर पकड़ने लगी है. इस मामले में बीजेपी नेता के नेतृत्व में प्रदर्शन किया जा रहा है.

स्थानीय बीजेपी नेता कन्हैया नागर के नेतृत्व में प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारियो का कहना है कि कालीसिंध थर्मल पॉवर प्लांट में फ्लाई ऐश उठाने का टेंडर, जिस फर्म को दिया गया है. वह पहले से ही अयोग्य घोषित की जा चुकी है. इसके बावजूद यहां अधिकारियों ने उसी फर्म को फ्लाई ऐश उठाने का ठेका दे दिया है. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जब टेंडर हुए तो इस तरह की बात सामने नहीं आई, लेकिन अब पूरे मामले की जांच करवा ली जाएगी.

क्या है पूरा मामला

गुरु कृपा लॉजिस्टिक नामक फर्म को झालावाड़ की कालीसिंध थर्मल पावर परियोजना से फ्लाई ऐश उठाने का ठेका दिया गया है. जबकि यह फर्म खान एवं भू विज्ञान विभाग उदयपुर द्वारा आयोग्य घोषित की जा चुकी है. क्योंकि टोंक जिले में अप्रैल 2024 में बजरी उठाने का जो टेंडर हुआ था. उसमें फर्म के 80 लाख रुपए जब्त कर उसे डिबार कर दिया गया था. उसके बाद यह फर्म हाईकोर्ट में गई, लेकिन वहां से भी उसे राहत नहीं मिली. अब इसी फर्म ने कालीसिंध थर्मल पॉवर प्लांट के तालाब से फ्लाई ऐश उठाने का टेंडर डाला और विभाग ने इस फर्म के नाम टेंडर जारी भी कर दिया. 

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सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार खनिज विभाग टोंक में प्लॉट नंबर 37 और प्लॉट नंबर 39 की ई-नीलामी 3 अप्रैल 24 को हुई. इसमें उच्चतम बोली लगाने वाली फर्म गुरु कृपा लॉजिस्टिक घोषित हुई. बोली दाता की ओर से राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम की पालना के अनुसार प्रीमियम राशि के रूप में बोली की 40 प्रतिशत प्रथम किश्त के साथ ही आवश्यक दस्तावेज ई-नीलामी पूरी होने की तारीख से 15 दिन की अवधि में सहायक खनिज अभियंता, टोंक कार्यालय में जमा करवाने थे, लेकिन फर्म ने दस्तावेज जमा नहीं करवाए. इसी के चलते दोनों ई-नीलामी में फर्म की 40, 40 लाख यानी, 80 लाख रुपए की राशि जब्त कर इसे अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

शपथ पत्र पर सवालिया निशान

झालावाड़ की कालीसिंध थर्मल पावर परियोजना में फ्लाई ऐश का टेंडर डालते समय फर्म द्वारा जो शपथ पत्र दिया गया. उस पर भी अब सवालिया निशान लग गए हैं. फर्म ने शपथ पत्र में कहा है कि वह किसी भी विभाग में ब्लैकलिस्ट नहीं है. झालावाड़ की कालीसिंध थर्मल पॉवर प्लांट में 7 जुलाई 24 को 10 रुपए प्रति टन के हिसाब से राख उठाने के टेंडर में फर्म गुरु कृपा लॉजिस्टिक की ओर से शपथ पत्र दिया गया है कि वह किसी भी विभाग में ब्लैक लिस्ट नहीं है और उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में इनके शपथ पत्र पर ही सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. 

वहीं मामले को लेकर थर्मल पावर परियोजना के तकनीकी सलाहकार अजय विजयवर्गीय का कहना है कि गुरु कृपा लॉजिस्टिक नाम की फर्म को टेंडर मिला है. लेकिन यह डिबार फर्म है इसकी हमें जानकारी नहीं है. हम मामले में जांच करवा लेंगे, क्योंकि इसके लिए पूरी कमेटी होती है. कमेटी द्वारा इसके सभी दस्तावेज जांचें जाएंगे.

दूसरी तरफ फर्म के मैनेजर अविनाश का कहना है कि यह सही है कि टोंक में दो बार फर्म को डिबार कर 80 लाख रुपए जब्त किए गए हैं. हमने यह मामला हाईकोर्ट में लगाया था, वहां से विफल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचाया है. किसी अधिकारी के मांगने पर हम दस्तावेज उपलब्ध करवा देंगे.

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