
Rajasthan News: देश की राजधानी दिल्ली में बने बीकानेर हाउस (Bikaner House) की कुर्की के आदेश जारी हो गए हैं. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने यह फैसला एक कंपनी को 50.31 लाख रुपये की मध्यस्थता राशि (Arbitral Award) का भुगतान नहीं करने के मामले पर सुनाया है. कोर्ट का यह फैसला राजस्थान की भजनलाल सरकार के लिए किसी बड़े झटके जैसा है, जिससे सुनने के बाद से ही प्रदेश की राजधानी जयपुर में हड़कंप मचा हुआ है. NDTV को सूत्रों से जानकारी मिली है कि राजस्थान सरकार कोर्ट के इस फैसले पर तुरंत एक्शन लेने वाली है. उसका मानना है कि सरकारी काम में किसी स्तर पर ढिलाई के कारण यह नौबत आई है.
29 नवंबर को कोर्ट में पेशी
राजस्थान की नोखा नगर पालिक के पास बीकानेर हाउस का स्वामित्व अधिकार है. जिला जज विद्या प्रकाश ने अपने आदेश में कहा कि नोखा नगर पालिका संपत्ति को न बेच सकती है या न ही उपहार या अन्य तौर पर इसे ट्रांसफर कर सकती है. नोखा नगर पालिका के प्रतिनिधि को 29 नवंबर को अगली सुनवाई में अदालत में पेश होना होगा. 2024 की शुरुआत में नगर पालिका की तरफ से दायर की गई अपील खारिज होने के बाद ‘एनवायरो इंफ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड' के पक्ष में 2020 का मध्यस्थता आदेश अंतिम हो गया है.
जानें क्या है पूरा मामला?
कोर्ट ने 21 जनवरी 2020 को मध्यस्थता अधिकरण द्वारा पारित आदेश को लागू करने का अनुरोध वाली एक अर्जी पर यह व्यवस्था दी. 18 सितंबर को पारित आदेश में कोर्ट ने कहा था कि अदालत के निर्देशों का पालन नहीं किया गया. बार-बार मौका दिए जाने के बावजूद देनदार अपनी संपत्ति का हलफनामा पेश करने के निर्देश का पालन करने में विफल रहा है. अदालत ने डिक्री धारक (डीएच) की ओर से पेश किए गए तर्कों से सहमति जताते हुए पाया कि देनदार की अचल संपत्ति अर्थात बीकानेर हाउस के खिलाफ कुर्की वारंट जारी करने का यह एक उपयुक्त मामला है.
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