Rajasthan Politics: लोकसभा चुनाव 2024 में राजस्थान में बीजेपी को 11 सीटों का बड़ा नुकसान हुआ है. वहीं अब चुनाव समाप्त होने के बाद राजस्थान में हारे 11 सीटों पर कारणों का पता लगाया जा रहा और आत्ममंथन शुरू हो गया हैं. वहीं सीएम भजनलाल शर्मा ने राजस्थान में लोकसभा चुनाव की हार पर आत्ममंथन की रिपोर्ट पीएम मोदी को सौंपी है. लेकिन इस बीच प्रदेश में अब बीजेपी के अंदर एक दूसरे पर हार का ठीकरा भी फोड़ा जा रहा है. बीजेपी के वरीष्ठ नेता देवी सिंह भाटी ने बीजेपी की हार को लेकर राजेंद्र सिंह राठौड़ पर निशाना साधा है.
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले राजेंद्र सिंह राठौड़ और राहुल कास्वां की लड़ाई साफ दिखने लगी थी. जहां राजेंद्र सिंह राठौड़ ने विधानसभा चुनाव में हार की वजह कस्वां को ठहराया. वहीं चूरू सीट से राहुल कस्वां का टिकट कटने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो कर उम्मीदवार बने. ऐसे में लोकसभा चुनाव में दोनों के लिए चूरू सीट नाक की लड़ाई बन गई थी.लेकिन दूसरी ओर इसका असर पूरे राजस्थान पर पड़ने वाला था इसे कोई भांप नहीं सका. वहीं अब देवी सिंह भाटी ने राजेंद्र राठौड़ को बीजेपी की हार का जिम्मेदार ठहराया है.
राहुल कास्वां का टिकट कटवाना पूरा चुनाव खराब किया
बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी ने राजस्थान में बीजेपी की हार को लेकर सीधे तौर पर राजेंद्र सिंह राठौड़ की लड़ाई को वजह बताया है. उन्होंने कहा कि राजेंद्र राठौड़ ने चुनाव का पूरा वातावरण खराब कर दिया. जिस प्रकार से राजस्थान में टिकट कटवाया गया यह गलत था. सबसे बड़ा घातक चूरू सीट से राहुल कास्वां का टिकट कटवाना साबित हुआ. जबकि राहुल कस्वां का काम और जन संपर्क काफी अच्छा था. लेकिन कस्वां का टिकट काटने से पूरे राजस्थान में जाट एकजुट नहीं रहे. बीजेपी को जाट वोट का भारी नुकसान हुआ. इस वजह से जाट विद्रोह करने लगे.
BJP की हार का कारण राजेन्द्र राठौड़ : देवी सिंह भाटी #ndtvrajasthan #rajasthan #devisinghbhati pic.twitter.com/P7ViWJFuSf
— NDTV Rajasthan (@NDTV_Rajasthan) June 17, 2024
देवी सिंह भाटी ने कहा कि अगर राहुल कस्वां का टिकट राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कटवाया नहीं होता तो बीजेपी को जीत मिलती. इसके साथ उन्होंने कहा कि हार के और भी कई कारण रहे हैं.
कौन हैं देवी सिंह भाटी
बीजेपी के दिग्गज नेताओं में से एक देवी सिंह भाटी वरीष्ठ नेता हैं. देवी सिंह भाटी बीकानेर की कोलायत विधानसभा सीट से 7 बार विधायक रह चुके हैं. इसके अलावा भौरों सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे की सरकार में वह मंत्री भी रह चुके हैं. वह 1980 से 2008 तक लगातार 7 बार विधायक रहे. हालांकि, वह 1980 से 1990 तक जनता पार्टी से विधायक बने. जबकि 1993 और 1998 में बीजेपी से विधायक थे. इसके बाद 2003 में वह राजस्थान सामाजिक न्याय मंच की टिकट पर विधायक बने. वहीं साल 2008 में वह एक बार फिर बीजेपी से जीत दर्ज की थी. हालांकि साल 2013 में कांग्रेस के भवर सिंह भाटी से हार का सामना करना पड़ा.
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