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This Article is From Sep 28, 2023

रमेश बिधूड़ी को टोंक का चुनाव प्रभारी बनाकर भाजपा ने नफरत को इनाम दियाः दानिश अली

सांसद रमेश बिधूड़ी को भाजपा ने गुर्जर बाहुल्य टोंक ज़िले का प्रभारी बनाया है. जिसके ज़रिये वो आने वाले विधानसभा चुनाव में सचिन पायलट को चुनौती देना चाहती है.

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रमेश बिधूड़ी को टोंक का चुनाव प्रभारी बनाकर भाजपा ने नफरत को इनाम दियाः दानिश अली
राज्यसभा सांसद दानिश अली ( फाइल फ़ोटो )
TONK:

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली ने गुरुवार को आरोप लगाया कि उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करने वाले लोकसभा सांसद रमेश बिधूड़ी को राजस्थान के टोंक जिले में चुनाव की जिम्मेदारी सौंपकर नफरत को इनाम दिया गया है. लेकिन साथ ही उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भाजपा सांसद के खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे. भाजपा ने बिधूड़ी को राजस्थान के टोंक जिले में चुनावी जिम्मेदारी सौंपी है. पार्टी सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी.

जिले में बड़ी संख्या में गुर्जर आबादी होने के कारण भाजपा मानती है कि बिधूड़ी गुर्जर वोट उसके पक्ष में ला सकते हैं क्योंकि बिधूड़ी भी गुर्जर समुदाय से आते हैं. इस जिले में विधानसभा की चार सीट हैं जिनमें से एक सीट टोंक का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ कांग्रेस नेता सचिन पायलट कर रहे हैं. पायलट भी गुर्जर हैं.

भाजपा के इस कदम पर दानिश अली ने कहा, ‘‘कम से कम थोड़ी मर्यादा तो रखनी चाहिए थी. खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहने वाली भाजपा से जनता इतनी उम्मीद करती है कि अगर उसने कारण बताओ नोटिस जारी किया था तो यह भी सार्वजनिक कर देती कि जवाब क्या है या फिर सीधा कह दे कि हम नफ़रत को जायज़ ठहराते हैं और इसका इनाम देते हैं.''

भाजपा का चाल चरित्र, चेहरा बेनकाब हो गया : दानिश अली 

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आपके (भाजपा के) लोग अब तक नफरत सड़क पर फैला रहे थे, वही काम उन्होंने (बिधूड़ी ने) लोकतंत्र के मंदिर में किया. आप नफरत का इनाम दे रहे हैं. भाजपा का चाल चरित्र, चेहरा बेनकाब हो गया.''

इसका खामियाजा इनको भुगतना पड़ेगा. अगर ऐसे लोगों को जनता इनाम देती है तो लोग समझेंगे कि हमारा समाज सड़ चुका है. मेरे पास गुर्जर समाज के लोग आए और कहा कि वे शर्मिंदा हैं. वे सभी शर्मिंदा हैं. भाजपा को लगता है कि इस तरह की हरकतों से फायदा होगा, लेकिन मैं समझता हूं कि देश का आम नागरिक आहत है

दानिश अली

राज्यसभा सांसद

अली के अनुसार, भाजपा के लोग समझते हैं कि इस कदम से वे बहुसंख्यक समाज के मतों को एकजुट कर लेंगे, ऐसा नहीं होगा क्योंकि देश के आम लोग इस तरह की भाषा को कभी स्वीकार नहीं करते.

उन्होंने दावा किया, ‘‘इसका खामियाजा इनको भुगतना पड़ेगा. अगर ऐसे लोगों को जनता इनाम देती है तो लोग समझेंगे कि हमारा समाज सड़ चुका है. मेरे पास गुर्जर समाज के लोग आए और कहा कि वे शर्मिंदा हैं. मेरे समर्थन में हिंदू समुदाय के बहुत सारे लोग आए, वे सभी शर्मिंदा हैं. भाजपा को लगता है कि इस तरह की हरकतों से फायदा होगा, लेकिन मैं समझता हूं कि देश का आम नागरिक आहत है.''

दानिश अली ने लोकसभा में अतीत की कुछ कार्यवाहियों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘अगर आप परंपराओं और बाबासाहेब के संविधान को तिलांजलि देना चाहते हैं, आप इस देश की संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करना चाहते हैं, नफरत भरे भाषण के लिए मंच प्रदान कर रहे हैं तो देश देख रहा है..., लोग इसका जवाब देंगे. मुझे उम्मीद है कि लोकसभा अध्यक्ष इस पर कार्यवाही करेंगे.''

यह भी पढ़ें -  रमेश बिधूड़ी को टोंक का प्रभारी बनाए जाने की इनसाइड स्टोरी, जानिए आखिर क्या चाह रही भाजपा?

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