
Rajasthan News: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने पीओके और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर स्ट्राइक की थी. इस स्ट्राइक को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया था. आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाया पाकिस्तान, भारत के सीमावर्ती इलाकों में कई दिन ड्रोन और मिसाइल से हमले की नाकाम कोशिश की. पाकिस्तान ने हमले के लिए तुर्किए के ड्रोन का इस्तेमाल किया था. इसलिए भारत में तुर्किए और अजरबैजान का विरोध हो रहा है. साथ ही तुर्किए का हर क्षेत्र में बॉयकॉट किया जा रहा है.
शिक्षा के क्षेत्र में तुर्किए को चोट
पाकिस्तान की मदद करने वाले तुर्किए को भारत से व्यापार और पर्यटन में मिले झटके के बाद अब शिक्षा के क्षेत्र में करारी चोट मिल रही है. कोचिंग सिटी के नाम से मशहूर कोटा के कोटा विश्वविद्यालय ने एजुकेशन को लेकर तुर्की के साथ किए गए एमओयू को रद्द कर दिया है.
कोटा यूनिवर्सिटी की शिक्षाविद् ने नाम वापस लिया
कोटा विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार भावना शर्मा ने बताया कि तुर्किए और अजरबैजान से व्यापार व पर्यटन के बाद रिसर्च का भी बहिष्कार हो रहा है. कोटा यूनिवर्सिटी की शिक्षाविद् ने तुर्किए में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से नाम वापस ले लिया. तुर्किए के दो प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों से एमओयू निरस्त कर दिए गए.
इनमें सिनोप विश्वविद्यालय के साथ मेवलाना विनिमय कार्यक्रम प्रोटोकॉल और अफयोन कोकातेपे विश्वविद्यालय के साथ मई 2024 में किया सहयोग समझौता शामिल है. भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष से 15 मई को मिले पत्र में तुर्किए सहित कई देशों ने भारत-विरोधी गतिविधियों का मुद्दा उठाया गया था, जिसके बाद यह कदम उठाया गया.
राष्ट्रहित सर्वोपरि- डॉ. अनुकृति शर्मा
कोटा विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय मामलों की निदेशक डॉ. अनुकृति शर्मा कहती हैं कि 22-25 मई को तुर्किए के दिदिम में द्वितीय अंतरराष्ट्रीय पर्यटन व सांस्कृतिक अध्ययन कॉन्फ्रेंस में भागीदारी करने वाली थी. इसके लिए उनके टिकट भी टर्किश एयरलाइंस से बुक हो गए थे. राष्ट्रहित सर्वोपरि है. आतंक को बना देने वाले देश की मदद करने वालों को भी सबक सिखाना जरूरी है.
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