Dholpur Martyr Ramkishore: भारत माता की जय, शहीद रामकिशोर अमर रहे, जब-तक सूरज-चांद रहेगा, रामकिशोर तेरा नाम रहेगा... इन नारों की गूंज शनिवार को धौलपुर के राजाखेड़ा उपखंड के गांव दूल्हे राय का घेर में सुनाई दी. लेकिन इन नारों की शोर पर पर एक महिला की चीत्कार भारी पड़ी, जिन्हें मात्र 9 महीने बाद ही सुहागन का जोड़ा हटाना पड़ा. शादी के मात्र 9 महीने बाद पति की शहादत पर बेसुध हुई पूजा की चीख सुन वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गई. शहीद की पत्नी को तबीयत बिगड़ने के बाद हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है.
पति की शहादत की खबर मिलते ही पूजा की तबीयत बिगड़ गई थी. लेकिन इसके बाद शनिवार को जब शहीद रामकिशोर बघेल का पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो पूजा पति के अंतिम दर्शन को बाहर आई. इस दौरान उनकी हालत देख लोग फफक-फफक कर रोने लगे.
रामकिशोर तेरा नाम अमर रहेगा के नारे लगे
शनिवार को शहीद रामकिशोर का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा. पार्थिव शरीर को देखते ही शहीद रामकिशोर की पत्नी पूजा समेत परिजन और ग्रामीणों में मातम पसर गया. पत्नी की पार्थिव शरीर से लिपटकर चीख पुकार निकल गई. इस दौरान ग्रामीणों द्वारा जब तक सूरज चांद रहेगा, रामकिशोर तेरा नाम अमर रहेगा के नारे लगाए गए.
पत्नी के हाथों की नहीं छूटी मेहंदी, 8 महीने पूर्व हुई थी शादी
शहीद रामकिशोर की पत्नी पूजा का रो-रोकर बुरा हाल बना हुआ है. 7 दिसंबर 2023 को रामकिशोर की शादी पूजा के साथ संपन्न हुई थी. महज 8 महीने के अंतराल में पूजा का सुहाग उजड़ गया. पत्नी पूजा के हाथों की मेहंदी भी अभी तक नहीं छूट पाई है. पत्नी मां पिता और भाइयों को भारी सदमा लगा है.
अंतिम यात्रा में जुटी भाड़ी भीड़, मंत्री, कलेक्टर भी थे मौजूद
घर से शहीद रामकिशोर की अंतिम यात्रा शमशान तक निकाली गई. इस दौरान हजारों की तादाद में आसपास के गांव के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. जिला प्रभारी एवं राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम जिला कलेक्टर श्रीनिधि बीटी समेत तमाम प्रशासन के अधिकारी और राजनेता अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंचे.
शहीद रामकिशोर को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
अंतिम यात्रा के दौरान समूचा गांव शहीद रामकिशोर अमर रहे के नारों से गुंजायमान हो गया. श्मशान घाट पर लोगों का भारी हुजूम उमड़ पड़ा. जिला प्रभारी मंत्री, जिला कलेक्टर समेत तमाम अधिकारी और नेताओं ने शहीद की पार्थिव देह को पुष्प चक्र अर्पित किए. शहीद राम किशोर को गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी दी गई.सेना के जवानों द्वारा शहीद के सम्मान में पांच राउंड फायरिंग की गई.
चार भाइयों में सबसे छोटा था रामकिशोर
शहीद राम किशोर की चाची भूरी देवी ने बताया रामकिशोर का सपना शुरू से ही देश की सेवा करने का रहा था. पढ़ाई की शुरुआत करते ही उसने सेना में जाने का लक्ष्य बना लिया था. वर्ष 2019 में रामकिशोर सेना में भर्ती हुआ था. सेना में भर्ती होने के बाद रामकिशोर में बड़ी तब्दीली आई थी. जब भी छुट्टी लेकर घर आता था तो सभी से मिलजुल कर रहता था.
9 दिन बाद छुट्टी व्यतीत कर गया था ड्यूटी पर
चाची भूरी देवी ने बताया रामकिशोर 20 दिन की छुट्टी लेकर हाल ही में घर आया था. 11 सितंबर को छुट्टी की अवधि पूरी होने पर परिवार के सभी सदस्यों से मिलजुल कर वापस ड्यूटी पर गया था. लेकिन कश्मीर में हुए हादसे में रामकिशोर शहीद हो गया.
चार भाइयों में सबसे छोटा था रामकिशोर
पिता महावीर सिंह के चार पुत्र और दो पुत्री हैं. जिनमे मलखान बंटू विकेश उसके बड़े भाई हैं. वही रामकिशोर सबसे छोटा था. रामकिशोर से छोटी बहन लक्ष्मी है, जिसकी शादी नहीं हुई है. बड़ी बहन ममता की शादी हो चुकी है. शहीद रामकिशोर का पिता एवं भाई खेती किसानी का काम करते हैं.
सर्च ऑपरेशन के दौरान शहीद
रामकिशोर शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के कठुआ में आतंकवादियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन के दौरान शहीद हुआ था. सेना के जवान शहीद रामकिशोर की पार्थिव देह को लेकर गांव पहुंचे. जहां लोगों का सैलाब अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ा.
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