
Rajasthan News: राजस्थान में मौसम विभाग ने हाडोती क्षेत्र में ऑरेंज अलर्ट जारी किया हुआ है. इसी के अनुरूप बूंदी में ऑरेंज अलर्ट के तहत बारिश का दौर जारी है. अल सुबह से कभी कभी तेज तो हल्की बूंदाबांदी होने से जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. सुबह से जारी बरसात के चलते लोगों को घरों पर रहने पर मजबूर कर दिया है. बाढ़ बारिश के चलते नदी नाले उफान पर पिछले एक सप्ताह से जारी है. पिछले 5 दिनों के भीतर बूंदी जिले में 320 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है, जिसे अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. जिले के बरधा बांध, भीमलत बांध में लगातार बाढ़ बारिश का पानी आने से इससे लगने वाले नदी नाले उफान पर है.
इसी बीच एक मगरमच्छ भी तालेड़ा कस्बे स्थित पुलिया के पास आ गया. जिसे कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर रामगढ़ अभ्यारण्य में छोड़ दिया. वहीं शहर के दलेलपुरा रोड पर तेज बारिश के दौरान अचानक से विशाल पेड़ सड़क पर गिर गया, जिससे बड़ा हादसा टल गया. बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने जेसीबी की सहायता से पेड़ को एक साइड करवाया.
10 दिन पहले सक्रिय हुआ मानसून
इस बार पिछले साल के मुकाबले 10 दिन पहले मानसून सक्रिय हो गया. 15 जून से लगातार बरसात का दौर चला. इस अवधि में जिले में औसत बारिश की बात करें तो पिछले साल से 3 गुना बारिश दर्ज की जा चुकी है. जिले में अब तक औसत बारिश 247.46 एमएम बारिश हो चुकी है. जबकि पिछले साल 70.29 एमएम ही बारिश हुई थी. जल्द मानसून आने का फायदा यह हुआ कि जिले के 5 बड़े बांध भीमलत, बरधा बांध, अभयपुरा, चांदा का तालाब लबालब भर चुके हैं.
पुलिया बहने से 20 गांवों के लोगों का डाबी से संपर्क कटा
बरड़ क्षेत्र में स्टेट हाइवे-115 का निर्माण एक साल से चल रहा है. बरुंधन चौराहे से राणाजी का गुढ़ा तक यह सड़क बननी थी. तय समय अगस्त में काम पूरा होना था, लेकिन अब तक सड़क तैयार नहीं हुई. बारिश से अधूरी सड़क पर एक फीट तक गहरे गड्डों में पानी भर गया है. इससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है. रोज दुपहिया चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं. डाबी से पटपड़िया मार्ग पर छांट का खेड़ा सड़क पर पुलिया निर्माण के दौरान संवेदक ने एरू नदी के बहाव क्षेत्र में अस्थाई सड़क और पुलिया बनाई थी. 2 जुलाई को तेज बारिश में यह बह गई. इससे पटपड़ियां, नरौली, लांबाखोह, पीफलदा, रतनपुरिया, राणा जी का गुढ़ा सहित 15 से 20 गांवों का संपर्क मुख्य सड़क से टूट गया.
मगरमच्छ आने से मचा हड़कंप
बूंदी जिले के जंगलों व पहाड़ी इलाकों में हुई व्यापक बारिश के कारण जलीय जीवों का जीवन भी प्रभावित हुआ है. सभी नदी नाले उफान पर होने से जलीय जीव किनारों पर आने लगे हैं. ओवरफ्लो चल रहे बरधा बांध की तालेड़ा नदी में अकतासा के पास पुलिया के नीचे एक भारी भरकम मगरमच्छ आने से हड़कंप मच गया. पुलिया पर तमाशबीनों की भीड़ जमा हो गई. वन मंडल के अधिकारियों ने मगरमच्छ को रेस्क्यू करने के लिए रामगढ़ विषधारी टाईगर रिजर्व के सहायक वन संरक्षक को दी.
सूचना पर टाईगर रिजर्व की रेस्क्यु टीम मौके पर पंहुची तथा कड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को रेस्क्यू किया जा सका. रेस्क्यू टीम में रेस्क्यू एक्सपर्ट कुलदीप सिंह हाडा, सुनील गुर्जर व दीपक सैनी शामिल थे. मादा मगरमच्छ को सफल रेस्क्यू कर टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र के झरबंधा जलस्रोत में छोड़ा गया. मगरमच्छ को रेस्क्यू करने के दौरान मगरमच्छ ने कई बार वन विभाग की टीम पर अटैक करने की भी कोशिश की. मगरमच्छ नदी के किनारे था और आबादी में जाने का डर था.
गौरतलब है कि इस जलाशय में पूर्व में दो नर व एक मादा मगरमच्छ छोड़े जा चुके हैं. अब एक मादा को ओर छोड़ने से दो जोड़ी मगरमच्छ हो गए हैं जिससे इनकी संख्या बढ़ने की उम्मीद है.
रोटेदा- मंडावरा पुलिया पानी में डूबी, चंबल का जलस्तर बढ़ा
चंबल नदी में पानी की आवक बढ़ने से रोटेदा-मंडावरा पुलिया पूरी तरह 3 दिनों से डूबी है . कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण चंबल का जलस्तर और बढ़ने की संभावना है. जलमग्न पुलिया को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. पुलिस जाब्ते ने भीड़ को हटाया. लोगों को - नदी की ओर नहीं जाने को समझाया गया.पुलिया पर 4 से 5 फीट तक पानी बह रहा है. पुलिस प्रशासन ने चंबल के डूब क्षेत्र में हाईअलर्ट जारी किया है.
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