
Record Rain in Bundi: बूंदी में मूसलाधार बारिश के बाद जवाहर सागर बांध उफान पर है. सबसे बड़ा गरढदा बांध भी छलक गया है. 62 फीट भराव की क्षमता के साथ चादर चलने से लोगों की भीड़ वहां पहुंच रही है. वही, चंबल नदी में लगातार उफान के चलते जवाहर सागर बांध में भी सैलाब देखा जा रहा है. यहां पांचों गेटों को खोलकर पानी की निकासी की जा रही है. इधर, लगातार भीमलत बांध से पानी की निकासी के चलते चितावा नदी भी उफान देखा गया है. पुलिया पर 2 से 3 फीट पानी चल रहा है. नदी पार करते समय पानी के तेज बहाव के चलते ट्रैक्टर सहित किसान बह गया. गनीमत यह रही कि लोगों ने उसे बचा लिया.
हाईवे की पुलिया पर पानी, मुख्यालय से टूटा संपर्क
बरधा बांध में भी लगातार चादर चलने से तालेड़ा नदी उफान पर है. अकतासा पुलिया पर पानी की चादर चल रही है, जिससे आवागमन पूरी तरह से बाधित है. स्टेट हाईवे पर बनी पुलिया पर 2 से 3 फीट पानी की चादर चल रही है, जिससे जिला मुख्यालय का संपर्क टूट गया है. कोटा बैराज से छोड़े जा रहे भारी मात्रा में पानी के चलते क्षेत्र से होकर निकल रही चम्बल नदी की पुलिया जलमग्न रही.
रोटेदा-मण्डावरा मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध रहा. गौरतलब है कि यह मार्ग बूंदी जिले को कोटा जिले से जोड़ता हुआ, राजस्थान को सीधे मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले से जोड़ता है. जिले में वही बारिश रोज नए रिकॉर्ड बना रही है. पिछले 1 जून से 4 जून के बीच बूंदी जिले में 260 एमएम बारिश दर्ज की गई है.
पहाड़ी इलाकों में लगातार पानी से छलका बांध
पिछले साल वर्ष 18 अगस्त 2024 को गरढदा बांध पर चादर चली थी. लेकिन इस वर्ष लगातार बारिश ने बांध को 3 जुलाई को ही छलका दिया है. जानकारी के अनुसार इस बांध का कैचमेंट एरिया बड़ा मजबूत है. पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश का पानी इस बांध पर आने से बांध लबालब हो जाता है.