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जातिगत भेदभाव का दर्द बयां करती राजस्थान की ये कहानी, वाल्मीकि समाज के व्यक्ति को घर बनाने से रोका

पीड़ित ने 11 अगस्त को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार की गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

जातिगत भेदभाव का दर्द बयां करती राजस्थान की ये कहानी, वाल्मीकि समाज के व्यक्ति को घर बनाने से रोका
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पीड़ित ने सौंपा ज्ञापन

Rajasthan News: देश को आजाद हुए भले ही 78 साल हो गए हों, लेकिन आज भी समाज में छुआछूत बरकरार है. करौली जिले से 23 किलोमीटर दूर कैलादेवी कस्बे का वाल्मीकि परिवार अपने बच्चों की शिक्षा के लिए शहर आया और खून-पसीने की कमाई से आदर्श नगर जाटव बस्ती में भूखंड खरीदा. परिवार किराए के मकान में रहते हुए घर बनवा रहा था, लेकिन अगस्त महीने में जाटव समाज के कुछ लोगों ने ऊंच-नीच की सोच से लड़ाई-झगड़ा कर निर्माण कार्य रुकवा दिया. मामले में जिस पर दबंगई के आरोप लगे रहे हैं, वह राजस्थान पुलिस कर्मी है. 

11 अगस्त को सीएम को दिया ज्ञापन

जितेंद्र वाल्मीकि का आरोप है कि थाने में पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की और मामला रेवेन्यू का बता दिया. इसके बाद 4 अगस्त को उपखंड अधिकारी और 11 अगस्त को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार की गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

NDTV टीम ने मौके पर पहुंची तो भूखंड का रास्ता पत्थर डालकर बंद मिला. पीड़ित का कहना है कि पुलिस विभाग में कार्यरत अंतुलाल जाटव ने इस मामले को दबाया. परिवार इस समय मंडरायल रोड शिकारगंज में किराए के कमरे में तीन बच्चों संग रह रहा है.

4 अगस्त को राज्यपाल को भी दिया ज्ञापन

पीड़ित ने कहा कि अगर सात दिन में उचित कार्रवाई नहीं हुई तो धरन पर बैठेंगे. जितेंद्र ने 4 अगस्त को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर कहा कि पड़ोसी जाटव समाज के लोगों ने उसके घर का प्रवेश द्वार जबरन बंद कर दिया है. मजदूरों व मिस्त्रियों को धमकाकर भगा दिया. उसका का कहना है कि उसने यह जमीन राजू जाटव से खरीदी थी और निर्माण कार्य करवा रहा था, लेकिन 2 अगस्त 2025 को कॉलोनीवासियों ने जातिगत द्वेष रखते हुए मकान में घुसने का रास्ता रोक दिया. 

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आरोपी बोले- हमारे बीच नहीं रह सकते

पीड़ित का आरोप है कि कॉलोनी निवासी वाल्मीकि समाज को बदनाम कर अपमानित शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं. आरोप है कि महिलाओं व पुरुषों ने अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि हमारे बीच नहीं रह सकते." पीड़ित का कहना है कि उसके घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग भी है. जितेंद्र वाल्मीकि ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि इस जातिगत द्वेष के चलते उसका परिवार मानसिक तनाव झेल रहा है और बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं.

एसडीएम ने कहा- डीएसपी से बात की है

पीड़ित ने राज्यपाल इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने और न्याय दिलाने की मांग की है. NDTV ने जब एसडीएम प्रेमराज मीणा से मामले को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मकान के कुछ हिस्सों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका था, लेकिन उसी कॉलोनी के एक लोग ने निर्माण कार्य रुकवा दिया. जिस पर इन लोगों ने ज्ञापन दिया था. इसको लेकर मेरी डीएसपी से भी बात हुई और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने को कहा है. मामले में जो भी कार्रवाई होगी, उसको संज्ञान में लेकर राजस्व और पुलिस विभाग के साथ समन्वय स्थापित करके कार्रवाई की जाएगी. 

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