Rajasthan News: राजस्थान की पश्चिमी क्षेत्र की सीमा पाकिस्तान से लगती है. इस वजह से यहां घुसपैठ और नशीली पदार्थों की तस्करी काफी संख्या में होती है. वहीं अब इस पर शिकंजा कसने के लिए रास्थान सरकार द्वारा आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. इसके तहत अब पाकिस्तान से सटे भारतीय सीमा के पास CCTV कैमरे लगाने के निर्देश दिये हैं. मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जिला कलेक्टरों को इसे लगाने का निर्देश दिया है. मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि भारत-पाक अन्तरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में घुसपैठ और नशीले पदार्थों की तस्करी की सूचना सभी एजेन्सी द्वारा साझा की जाए और आपसी समन्वय स्थापित कर कार्रवाई की जाये.
उन्होंने सीमावर्ती जिलों में ड्रोन के माध्यम से तस्करी को रोकने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम, डेटा विश्लेषण के लिए एआई उपकरण, और महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना के भी निर्देश दिये.
सीमावर्ती क्षेत्रों में भूमियों की बिक्री पर जागरूकता रखी जाए
मुख्य सचिव बुधवार (12 जून) को शासन सचिवालय में इंडो-पाक सीमा की सुरक्षा के लिए गठित स्टेट लेवल स्टेंडिग कमेटी (SLSC) की बैठक में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमियों की बिक्री के मामले में जागरूकता रखी जाए. इसके लिए राजस्व अधिकारियों को सेंसीटाईज़ किया जाना चाहिये. उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बीएसएफ, पुलिस एवं अन्य एजेन्सियों के बीच समन्वय बैठकें आयोजित की जाएं. उन्होंने सभी सीमावर्ती जिलों के कलेक्टरों को डिस्ट्रिक लेवल स्टेंडिंग कमेटी (डीएलएससी) की बैठक को नियमित रूप से आयोजित करने के निर्देश भी दिए.
भारतमाला-2 परियोजना के तहत सीसीटीवी कैमरा स्थापित की जाए
मुख्य सचिव पंत ने बैठक में मौजूद जिला अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सीमा सड़कों और भारतमाला-2 परियोजना के तहत सड़क पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना की जाए. उन्होंने मादक द्रव्यों की तस्करी, सिंथेटिक दवाओं का निर्माण, अवैध खनन, सौर और पवन ऊर्जा संयंत्रों में चोरी, औद्योगिकीकरण और रिफाइनरी के कारण आपराधिक गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये.
भारतीय पहचान दस्तावेज जारी करने वाले नेटवर्क पर शिकंजा
पुलिस महानिदेशक इंटेलीजेंस संजय अग्रवाल ने अन्तरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में घुसपैठ रोकने के लिए सुझाव देते हुए कहा कि अवैध प्रवासियों को भारतीय पहचान दस्तावेज जारी करने वाली नेटवर्कों की पहचान और उन्हें बाधित करने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिये. उन्होंने सीमा बाड़ परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने तथा सीमावर्ती गांवों में पुलिस थानों को स्थानीय समुदायों से जोड़ने के प्रयास करने के लिए भी कहा. अग्रवाल ने कहा कि साइबर स्पेस में हानिकारक सामग्री की पहचान और उसे रोकने के लिए उपकरण विकसित किए जाएं. साथ ही अंतरराष्ट्रीय सीमा पर काम कर रही सभी एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएं. उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास के लिए आर्थिक गतिविधियों और निवेश में वृद्धि, औद्योगिकीकरण, बेहतर सड़क बुनियादी ढांचा, सामाजिक-आर्थिक विकास और प्रौद्योगिकी में उन्नति के लिए गंभीरता से प्रयास किये जाने चाहिये.
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