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Hit and Run Law के विरोध में चक्का जाम जैसी स्थिति, राजस्थान में वैकल्पिक रूट से रोडवेज बसें चलाने के निर्देश

केंद्र सरकार के नए कानून में ‘‘हिट एंड रन'' के मामलों में सख्त सजा के प्रावधानों के खिलाफ ट्रक एवं निजी बस चालकों की हड़ताल के कारण कई जगह 'चक्का जाम' जैसी स्थिति सामने आई है.

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Hit and Run Law के विरोध में चक्का जाम जैसी स्थिति, राजस्थान में वैकल्पिक रूट से रोडवेज बसें चलाने के निर्देश
हिट एंड रन के नए कानून के खिलाफ राजस्थान में हाईवे जाम करते लोग.

New Hit and Run Law: केंद्र सरकार के हिट एंड रन को लेकर नए कानून के विरोध में देशभर में ड्राइवर सड़कों पर उतर गए हैं. राजस्थान में भी ड्राइवरों का विरोध-प्रदर्शन जारी है. इससे कई शहरों में चक्का जाम जैसी स्थिति बन गई है. इस बीच राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम लिमिटेड (रोडवेज) के प्रबंध निदेशक नथमल डिडेल ने मंगलवार को सभी मुख्य प्रबंधकों से राष्ट्रीय राजमार्ग जाम और प्रदर्शन के कारण बाधित रूट का फीडबैक लिया. जिसके बाद राजस्थान में वैकल्पिक रूट से रोडवेज बसें चलाने के निर्देश दिए गए. 

इस संबंध में जारी बयान के अनुसार डिडेल ने बसों के संचालन की लगातार निगरानी कर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और संचालन को अनवरत रूप से जारी रखने के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि निगम द्वारा यात्रियों की सुखद और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यकतानुसार वैकल्पिक रूट के माध्यम से भी बसों का संचालन किया जा रहा है. इसी प्रकार निगम की अंतरराज्यीय बसों का संचालन भी यथावत जारी रहा.

मालूम हो कि केंद्र सरकार के नए कानून में ‘‘हिट एंड रन'' के मामलों में सख्त सजा के प्रावधानों के खिलाफ ट्रक एवं निजी बस चालकों की हड़ताल के कारण कई जगह 'चक्का जाम' जैसी स्थिति सामने आई है. जिससे आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है. सब्जी, दूध जैसी जरूरी चीजें नहीं पहुंच पा रही है. इससे इन सब की कीमत भी आसमान छूने लगी है.

निगम की कार्यकारी निदेशक (यातायात) अनीता मीना ने बताया कि प्रदेश में जाम और प्रदर्शन की वजह से अजमेर, अलवर-राजगढ़, उदयपुर-मंगलवाड, बेगू-गोपालपुरा, डूंगरपुर-सागवाड़ा,भरतपुर-लोहागढ, राजसमंद, प्रतापगढ बस स्टैंड समेत कुछ जगह जाम के चलते बसों के संचालन में देरी का सामना करना पड़ा.

राजस्थान रोडवेज की प्रदेश में चलती हैं करीब 3800 बसें

ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स की हड़ताल का असर रोडवेज बस संचालक पर भी हो रहा है जिससे कि यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राजस्थान रोडवेज की प्रदेश भर में करीब 3800 बसें चलाई जाती है। जिसे प्रतिदिन करीब 5 करोड़ के आसपास का राजस्व वसूला जाता है ऐसे में हड़ताल के चलते यात्री भार में कमी दर्ज की गई है और इससे राजस्व पर करीब प्रतिदिन 50 लाख रुपए तक की कमी आई है.

एमडी बोले- हमारी वार्ता जारी, जल्द निदान की उम्मीद

रोडवेज एमडी नथमल डिडेल ने बताया कि हड़ताल के चलते रोडवेज को राजस्व नुकसान हो रहा है और यात्रियों को भी परेशानी हो रही है. हालांकि अब तक रोडवेज ड्राइवर और परिचालक हड़ताल के समर्थन में नहीं है. हमारी वार्ता उनसे चल रही है. ऐसे में रोडवेज की बसों का संचालन सुचारु रूप से किया जा रहा है. लेकिन रास्ते बंद होने के चलते बसें अपने गंतव्य तक तय समय पर नहीं पहुंच पा रही.

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