मध्यप्रदेश हो रही भारी वर्षा की वजह से चंबल नदी पर बने चारों बांधों पर जलस्तर लगातार बढ़ता चला जा रहा है. सबसे बड़े बांध गांधी सागर बांध में पानी की जबरदस्त आवक होने से चंबल नदी पर बने चारों बांधों के गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही हैं. कोटा बैराज से भी लगातार पानी की निकासी हो रही है. आज देर रात ढाई लाख क्यूसेक की सबसे अधिक पानी की निकासी किए जाने की संभावना है. इसके मद्देनज़र जिला प्रशासन ने शहर की नदी किनारे निचली बस्तियों में लोगों को सतर्क रहने की हिदायत जारी की है.
नगर निगम की रेस्क्यू टीम और बचाव दलों को अलर्ट मोड पर रखा गया है. वहीं निचली बस्ती वासियों को हिदायत दी गई है कि वे पानी की अत्यधिक निकासी होने पर जल भराव से पहले ही सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो जाएं. सैलाब की आशंका के बीच हाल ही में बना चंबल रिवर फ्रंट कोटा शहर के लिए कवच जैसा काम कर रहा है.
जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता भारत रत्न गॉड ने बताया कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में हो रही बारिश से चंबल के बांधों में पानी की आवक हो रही है. कैचमेंट एरिया में भी तेज बारिश से चंबल नदी पर बने बांध गांधी सागर ,राणा प्रताप, जवाहर सागर और कोटा बैराज अपनी भराव क्षमता के इर्द-गिर्द पहुंच गए हैं, ऐसे में गांधी सागर से हो रही पानी की निकासी के मध्य नजर नीचे के तीनों बांधों से भी पानी की निकासी की जा रही है.
आज देर रात छोड़ा जाएगा 2.75 लाख क्यूसेक पानी
सोमवार शाम तक पानी की आवक और अधिक बढ़ जाने कारण गांधी सागर बांध से 2.75 लाख क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है, लेकिन जिस तेजी से बांध के जल ग्रहण क्षेत्र से पानी की आवक बढ़ रही है, उसे देखते हुए गांधी सागर बांध से पानी की निकासी को और अधिक बढ़ाया जा सकता है.
चंबल रिवर फ्रंट फिर बना सुरक्षा कवच
कोटा में विश्व स्तरीय चंबल रिवर फ्रंट के लोकार्पण के बाद यह पहला अवसर है जब कोटा बैराज से इतने बड़े पैमाने पर पानी की निकासी की जा रही है. इससे पहले पिछले साल चंबल रिवर फ्रंट के निर्माण के दौरान भी भारी पानी की निकासी की गई थी लेकिन चंबल रिवर फ्रंट ने नदी के किनारे बसी बस्तियों के लिए सुरक्षा कवच का काम किया बस्तियां जलमग्न होने से मुक्त रही. रिवर फ्रंट पर कोटा बैराज से छोड़े जाने वाले पानी से बचाव के लिए सुरक्षा दीवार खड़ी की गई है.
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