विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Aug 23, 2023

चांद पर लहराया तिरंगा, साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग, CM गहलोत ने दी बधाई

भारत ने आज अंतरिक्ष में बड़ी उड़ान भरी. भारत का मिशन मून सफल हो गया. इसरो का Chandrayaan-3 ने चंद्रमा पर तिंरगा लहरा दिया है. इसरो की इस कामयाबी से पूरे देश में जश्न का माहौल है. राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत ने चंद्रयान की लैडिंग बच्चों के साथ देखी और वैझानिकों को बधाई दी.

Read Time: 4 min
चांद पर लहराया तिरंगा, साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग, CM गहलोत ने दी बधाई
बच्चों के साथ चंद्रयान-3 की लैंडिंग देखते सीएम गहलोत

भारत ने नया इतिहास रचते हुए चांद को फतह कर लिया है. इसरो का मिशन मून सफल हो गया है. चंद्रयान-3 (chandrayaan-3) ने चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है. चंद्रयान-3 के साथ ही भारत चांद के साउथ पोल पर यान उतारने वाला पहला देश बन गया है. इस उपलब्धि से पूरे देश में जश्न का माहौल है. राजस्थान में भी जगह-जगह जश्न मनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए चंद्रयान-3 की सफलता के लिए सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी है.

अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा, नभ स्पृशं दीप्तम् ! आखिरकार इसरो के प्रबुद्ध वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत से वह ऐतिहासिक पल आ गया जिसके लिए पूरा देश प्रार्थना व इंतजार कर रहा था. चंद्रयान 3 की कामयाबी के लिए टीम के सभी वैज्ञानिकों को हार्दिक बधाई. विश्व स्तर पर देश को मिली यह अभूतपूर्व सफलता वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम एवं नेहरू जी व इन्दिरा जी की अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रति दूरदर्शिता का परिणाम है। आजादी के कुछ वर्षों बाद ही अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए संस्थान बनाने से आज भारत वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति बन गया है.

जयपुर में चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग बच्चों के साथ देखने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज हिंदुस्तान पहला ऐसा देश बना है जिसने यह उपलब्धि हासिल की है. साइंस टेक्नोलॉजी का अपना एक अलग मिशन है. मानवता के लिए भी साइंस की समझ होनी चाहिए. जरूरी नहीं कि आप साइंस के स्टूडेंट हो. हमारी सरकार भी वैज्ञानिक बच्चों के लिए अच्छे कदम उठा रही है. साइंस स्पेस क्लब खोले जा रहे हैं 1500 साइंस क्लब ऑलरेडी संचालित किया जा रहे हैं.

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि यह शुरुआत हमारा सौभाग्य है. आजादी के बाद से ही चंद्रयान की प्रकिया शुरू हो गई थी. मैं इसरो गया, मैंने देखा कि कैसे वैज्ञानिक काम करते हैं? मैं देख रहा था कि वैज्ञानिकों के बीपी हाई लो हो रहा था. मैं नोट कर रहा था मैं यह कहना चाहूंगा कि लंबा सफर तय करते-करते पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसकी शुरुआत की 1962 में की थी. इंदिरा गांधी ने 15 अगस्त 1969 को इसरो को स्थापित किया, जहां से चंद्रयान 3 की लांचिंग हुई है.

चांद के किसी भी हिस्से में सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश है. भारत से पहले अमेरिका, सोवियत संघ (अभी रूस) और चीन ही चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर पाए हैं.

मालूम हो कि चंद्रयान-3 के लैंडिंग की शुरुआत बुधवार शाम 5 बजकर 30 मिनट पर हुई. रफ लैंडिंग बेहद कामयाब रही. इसके बाद 5 बजकर 44 मिनट पर लैंडर ने वर्टिकल लैंडिग की. तब चंद्रयान-3 की चंद्रमा से दूरी 3 किमी रह गई थी. इसके 20 मिनट में चंद्रमा की अंतिम कक्षा से चंद्रयान-3 ने 25 किमी का सफर पूरा किया. फिर लैंडर को धीरे-धीरे नीचे उतारा गया. शाम 6 बजकर 04 मिनट पर लैंडर ने चांद पर पहला कदम रखा.

यह भी पढ़ें - अब चांद पर है चंद्रयान 3 का लैंडर विक्रम, सबसे पहले क्या-क्या करेगा : 5 प्वाइंट
 

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Close