भारत ने नया इतिहास रचते हुए चांद को फतह कर लिया है. इसरो का मिशन मून सफल हो गया है. चंद्रयान-3 (chandrayaan-3) ने चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है. चंद्रयान-3 के साथ ही भारत चांद के साउथ पोल पर यान उतारने वाला पहला देश बन गया है. इस उपलब्धि से पूरे देश में जश्न का माहौल है. राजस्थान में भी जगह-जगह जश्न मनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए चंद्रयान-3 की सफलता के लिए सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी है.
अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा, नभ स्पृशं दीप्तम् ! आखिरकार इसरो के प्रबुद्ध वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत से वह ऐतिहासिक पल आ गया जिसके लिए पूरा देश प्रार्थना व इंतजार कर रहा था. चंद्रयान 3 की कामयाबी के लिए टीम के सभी वैज्ञानिकों को हार्दिक बधाई. विश्व स्तर पर देश को मिली यह अभूतपूर्व सफलता वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम एवं नेहरू जी व इन्दिरा जी की अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रति दूरदर्शिता का परिणाम है। आजादी के कुछ वर्षों बाद ही अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए संस्थान बनाने से आज भारत वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति बन गया है.
जयपुर में चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग बच्चों के साथ देखने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज हिंदुस्तान पहला ऐसा देश बना है जिसने यह उपलब्धि हासिल की है. साइंस टेक्नोलॉजी का अपना एक अलग मिशन है. मानवता के लिए भी साइंस की समझ होनी चाहिए. जरूरी नहीं कि आप साइंस के स्टूडेंट हो. हमारी सरकार भी वैज्ञानिक बच्चों के लिए अच्छे कदम उठा रही है. साइंस स्पेस क्लब खोले जा रहे हैं 1500 साइंस क्लब ऑलरेडी संचालित किया जा रहे हैं.
नभ स्पृशं दीप्तम् !
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 23, 2023
आखिरकार इसरो के प्रबुद्ध वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत से वह ऐतिहासिक पल आ गया जिसके लिए पूरा देश प्रार्थना व इंतजार कर रहा था।
चंद्रयान 3 की कामयाबी के लिए टीम के सभी वैज्ञानिकों को हार्दिक बधाई।
विश्व स्तर पर देश को मिली यह अभूतपूर्व सफलता वैज्ञानिकों… pic.twitter.com/OJ13VT6x1T
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि यह शुरुआत हमारा सौभाग्य है. आजादी के बाद से ही चंद्रयान की प्रकिया शुरू हो गई थी. मैं इसरो गया, मैंने देखा कि कैसे वैज्ञानिक काम करते हैं? मैं देख रहा था कि वैज्ञानिकों के बीपी हाई लो हो रहा था. मैं नोट कर रहा था मैं यह कहना चाहूंगा कि लंबा सफर तय करते-करते पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसकी शुरुआत की 1962 में की थी. इंदिरा गांधी ने 15 अगस्त 1969 को इसरो को स्थापित किया, जहां से चंद्रयान 3 की लांचिंग हुई है.
मालूम हो कि चंद्रयान-3 के लैंडिंग की शुरुआत बुधवार शाम 5 बजकर 30 मिनट पर हुई. रफ लैंडिंग बेहद कामयाब रही. इसके बाद 5 बजकर 44 मिनट पर लैंडर ने वर्टिकल लैंडिग की. तब चंद्रयान-3 की चंद्रमा से दूरी 3 किमी रह गई थी. इसके 20 मिनट में चंद्रमा की अंतिम कक्षा से चंद्रयान-3 ने 25 किमी का सफर पूरा किया. फिर लैंडर को धीरे-धीरे नीचे उतारा गया. शाम 6 बजकर 04 मिनट पर लैंडर ने चांद पर पहला कदम रखा.
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