
Rajasthan News: राजस्थान में योजनाओं और संस्थानों के नाम बदलने पर राजनीति तेज हो गई है. जहां सरकार नाम बदलने का काम कर रही है. वहीं विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है. इस बीच नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने शिक्षा संकुल से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का नाम हटाए जाने को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने इस निर्णय को भाजपा की संकुचित मानसिकता और प्रतिशोध की राजनीति का प्रतीक बताया.
टीकाराम जूली ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में शांति स्थापित करने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले हमारे महान नेता राजीव गांधी के नाम पर रखे गए संस्थान का नाम बदलना निंदनीय है. यह भाजपा सरकार का दूसरा प्रयास है, जो यह दर्शाता है कि उन्हें न तो इतिहास की कद्र है और न ही महान नेताओं के योगदान का सम्मान करना आता है.
राजीव गांधी ने लाई थी नई शिक्षा नीति
टीकाराम जूली याद दिलाया कि शिक्षा संकुल की स्थापना के समय इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी के नाम पर रखा गया था. उनके कार्यकाल में नई शिक्षा नीति लाई गई थी और जवाहर नवोदय विद्यालयों की शुरुआत जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए गए थे. यही नहीं, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के रूप में शिक्षा मंत्रालय का पुनर्गठन भी उन्हीं के कार्यकाल की देन था.
सरकार में आते ही भाजपा नाम बदलने की राजनीति करती है
टीकाराम जूली ने कहा, भाजपा सरकार जब भी सत्ता में आती हैं, वे नाम बदलने की राजनीति करने लगती हैं. उन्हें खुद पर भरोसा नहीं कि वे आने वाले पांच सालों में कोई नया निर्माण या नई पहल कर पाएंगे, इसलिए वे पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यों पर ही अपनी मुहर लगाना चाहते हैं.
उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे निर्णय देश की राजनीतिक संस्कृति को नुकसान पहुंचाते हैं और जनमानस में गलत संदेश देते हैं. साथ ही उन्होंने मांग की कि राजीव गांधी के नाम को यथावत रखा जाए, ताकि भारत के शिक्षा क्षेत्र में उनके योगदान को उचित सम्मान मिलता रहे.
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