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Chardham Yatra: 30 अप्रैल से शुरू हो रही चार धाम यात्रा, 2 मई को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट; बर्फ हटाने में जुटे मजदूर

Chardham Yatra Kab Shuru Hogi: इस साल चारधाम यात्रा के लिए लगभग 1800 गाड़ियां उपलब्ध कराई जाएंगी. साथ ही टैक्सी नंबर गाड़ियों को एंट्री के लिए पहले ग्रीन कार्ड जारी करना पड़ेगा.

Chardham Yatra: 30 अप्रैल से शुरू हो रही चार धाम यात्रा, 2 मई को खुलेंगे केदारनाथ धाम के कपाट; बर्फ हटाने में जुटे मजदूर
बर्फ से ढके केदारनाथ मंदिर की तस्वीर.

Char Dham Yatra 2025 Registration: उत्तराखंड की चार धाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू होने जा रही है. अक्षय तृतीया के दिन सबसे पहले गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोले जाएंगे. इसके बाद 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे. वहीं 4 मई को भगवान बद्री विशाल के कपाट श्रद्धालुओं के लिए आगामी 6 महीने के लिए खुले जाएंगे. कपाट खोलने से पहले सभी तरह की तैयारी पूरी की जा रही हैं. 

बर्फ हटाने में जुटे 50 मजदूर

सड़क, स्वास्थ्य, पानी, बिजली के इंतेजाम किए जा रहे हैं. साथ ही बर्फबारी की वजह से बंद हुए रास्तों को वापस खोला जा रहा है. लोक लोनिवि ने 50 मजदूरों की टीम को लिंचौली से ऊपर भेजा है, जो रास्ते में टूटे ग्लेशियरों की बर्फ हटाते हुए आगे बढ़ेंगे. जल्द ही मजदूरों की एक और टीम पैदल मार्ग में बर्फ हटाने को लेकर भेजी जाएगी. कपाट खुलने की तारीफ से पहले ही यह काम पूरा हो जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को आने-जाने में कोई तकलीफ नहीं होगी.

मौसम की वजह से आ रही परेशानी

लोनिवि के अधिशासी अभियंता विनय झिंक्वाण ने बताया कि सोमवार को 50 मजदूर लिंचौली भेज दिए गए हैं, जो बर्फ हटाने में जुट गए हैं. जल्द ही एक और 50 मजदूरों की टीम को बर्फ हटाने के लिए भेजा जाएगा. पैदल मार्ग में सभी ग्लेशियर प्वाइंट पर ग्लेशियर टूटे हैं. इन्हें साफ करते हुए पैदल मार्ग से बर्फ हटाकर टीम आगे बढ़ती जाएगी. इधर, लगातार खराब मौसम के चलते केदारनाथ पैदल मार्ग में कार्य करना किसी चुनौती से कम नहीं है. समय-समय पर बारिश और बर्फबारी के चलते मजदूरों को दिक्कतें भी उठानी पड़ रही हैं. मौसम परेशानी खड़ी कर रहा है. लेकिन इस काम को तय समय में पूरा कर लिया जाएगा.

हर साल लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड आते हैं और इस बार भी प्रशासन उनकी सुविधा के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है.

तीर्थयात्रियों के लिए 1800 गाड़ियों का इंतजाम

वहीं देहरादून आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि इस साल यात्रा के लिए लगभग 1800 गाड़ियां उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा मिल सके. आरटीओ विभाग टूर-ट्रैवल ऑपरेटरों और टैंपो ट्रेवल्स एसोसिएशन के साथ बैठक कर रहा है, ताकि परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके. सुनील शर्मा ने बताया कि सभी गाड़ियों की तकनीकी जांच की जाएगी और यात्रा के दौरान सुरक्षा के विशेष उपाय किए जाएंगे.

'टैक्सी नंबर गाड़ियों को ग्रीन कार्ड के बिना एंट्री नहीं'

वहीं, चारधाम यात्रा में आने वाले कमर्शियल वाहन चालकों को अब ग्रीन कार्ड के बिना एंट्री नहीं मिलेगी. इससे पहले सुनील शर्मा ने कहा था कि चारधाम यात्रा के लिए एक माह पहले ही ग्रीन कार्ड जारी किए जाएंगे. पीली प्लेट की जितनी भी गाड़ियां हैं, उनके लिए ही ग्रीन कार्ड बनाना जरूरी होगा, चाहे वाहन प्रदेश का हो या दूसरे राज्य का हो. बसों के संचालन के लिए यूनियन से बातचीत कर रोटेशन सिस्टम लागू किया गया है.

ग्रीन कार्ड एक फिटनेस सर्टिफिकेट है. बिना फिटनेस के वाहन चालकों को ग्रीन कार्ड नहीं मिलेगा. छोटी गाड़ी 400 और बड़ी गाड़ी की फीस 600 रुपये है. उसकी फिटनेस के बाद उसे ऑनलाइन ही ग्रीन कार्ड जारी कर दिया जाएगा.

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