
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई शनिवार को बीकानेर दौरे पर रहे. महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय (MGSU) परिसर में आयोजित संविधान के 75 वर्ष और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के योगदान पर आधारित कार्यक्रम में उन्होंने शिरकत की. इस दौरान केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और सुप्रीम कोर्ट जस्टिस विजय बिश्नोई भी मौजूद रहे.
बीकानेर की संस्कृति का अनुभव किया
बीकानेर प्रवास के दौरान मुख्य न्यायाधीश गवई ने रेतीले धोरो पर ऊंटगाड़ी की सवारी का आनंद भी लिया. उनके साथ केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और जस्टिस विजय बिश्नोई मौजूद रहे. शाम को उन्होंने बीकानेर की संस्कृति, परंपरा और आतिथ्य का अनुभव किया. राजस्थान के रॉयल अंदाज और रंगीन संस्कृति ने न्यायाधीश और अन्य अतिथियों को खास अनुभव दिया.
ऊंट की गाड़ी, CJI की सवारी...
— NDTV India (@ndtvindia) September 21, 2025
बीकानेर में ऊंट गाड़ी की सवारी का आनंद लेते दिखे CJI बी.आर. गवई. उनके साथ केंद्रीय क़ानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और जस्टिस विजय बिश्नोई भी मौजूद रहे.#Bikaner | #Rajasthan pic.twitter.com/kDaZdTdHLb
सीजेआई ने बाबा साहेब को किया याद
सीजेआई गवई ने कहा, "संविधान निर्माता बाबा साहेब ने हमें समानता का अधिकार दिया, उनका योगदान कोई नहीं भूल सकता." केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने संबोधन में कहा कि बाबा साहेब की पहल पर महिलाओं को वोट का अधिकार मिला, जबकि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में यह अधिकार देर से मिला. कार्यक्रम में विधायक सिद्धि कुमारी, विश्वनाथ मेघवाल, ताराचंद सारस्वत सहित संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा, आईजी हेमंत शर्मा, कलेक्टर नम्रता वृष्णि और एसपी कावेन्द्र सिंह सागर भी मौजूद रहे.
हाईकोर्ट बेंच की मांग की
कार्यक्रम के दौरान वकीलों ने बीकानेर में हाईकोर्ट बेंच स्थापित करने की पुरानी मांग को एक बार फिर जोर-शोर से उठाया. वकीलों ने नारेबाजी कर नाराजगी जताई. लंबे समय से यह मांग लंबित है, हालांकि सीजेआई गवई ने स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट बेंच स्थापित करने का अधिकार राज्य के मुख्य न्यायाधीश के पास है.
ऊंटनी के दूध से बने पेड़े का स्वाद चखा
बीकानेर प्रवास के दौरान सीजेआई गवई ने MGSU परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा लगाए गए मेगा विधिक सेवा शिविर-2025 का भी निरीक्षण किया. उन्होंने विभिन्न विभागों की ओर से लगाए गए स्टॉल का जायजा लिया. एनआरसीसी की स्टॉल पर उन्होंने ऊंटनी के दूध से बने पेड़े का स्वाद चखा और ऊंटनी के दूध से बने अन्य उत्पादों के बारे में जानकारी ली. साथ ही बीकानेर के पंच गौरव, उस्ता कला और महिला एवं बाल विकास विभाग की गतिविधियों का अवलोकन भी किया.
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