घास नहीं, बल्कि औषधि है 'चिरचिटा', जानें इसके अद्भुत फायदे

चिरचिटा, जिसे अपामार्ग या लटजीरा कहते हैं, एक औषधीय पौधा है. इसके पत्ते, जड़ और बीज घाव, जोड़ों के दर्द, सूजन और त्वचा रोगों में लाभकारी हैं.   

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चिरचिटा की तस्वीर.

Health News: गांवों में और शहरों में सड़कों के किनारे, खेतों और बंजर जमीन पर उगने वाला चिरचिटा, जिसे अपामार्ग या लटजीरा भी कहते हैं, कोई साधारण घास नहीं, बल्कि औषधियों का खजाना है. इसकी ऊंचाई 1 से 3 फीट तक होती है. इसकी अंडाकार पत्तियां और कांटेदार बीज, जो कपड़ों से चिपक जाते हैं, इसकी खास पहचान हैं. लोग अक्सर इसे खरपतवार समझकर उखाड़ फेंकते हैं, लेकिन इसके गुण जानकर आप हैरान रह जाएंगे.  

आयुर्वेद में चिरचिटा का महत्व

आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों जैसे सुश्रुत संहिता और चरक संहिता में चिरचिटा को औषधीय पौधा बताया गया है. इसके पत्ते, जड़, बीज और तने का उपयोग कई बीमारियों के इलाज में होता है. यह घाव, सूजन और रक्तस्राव को ठीक करने में कारगर है. साथ ही यह त्वचा रोग, पाचन समस्याएं और मूत्र संबंधी परेशानियों में भी राहत देता है.  

जोड़ों के दर्द और सूजन का इलाज

चिरचिटा की पत्तियों और जड़ को पीसकर बनाया गया लेप जोड़ों के दर्द, गठिया और सूजन को कम करता है. यह रक्त संचार को बेहतर बनाकर शरीर को ताकत देता है. इसके अलावा, चिरचिटा की टहनी को दातून की तरह इस्तेमाल करने से दांतों का दर्द, मसूड़ों की कमजोरी और मुंह की दुर्गंध दूर होती है.  

घावों का रामबाण उपाय

चरक संहिता के अनुसार, चिरचिटा की पत्तियों का रस घावों और फोड़े-फुंसियों को ठीक करने में बेहद असरदार है. इसे लगाने से चोट जल्दी भरती है और दर्द में राहत मिलती है.  

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सावधानी जरूरी

चिरचिटा के फायदे अनेक हैं, लेकिन इसका उपयोग बिना आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह के नहीं करना चाहिए. गलत मात्रा या तरीके से इस्तेमाल नुकसान पहुंचा सकता है.

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