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This Article is From Sep 21, 2023

गवरी नृत्य के माध्यम से मतदाताओं को शत प्रतिशत मतदान के लिए प्रेरित किया गया

चित्तौड़गढ़ जिले में मतदाता जागरूकता बढ़ाने के लिए एक अनूठा प्रयास किया गया है. जिले की स्वीप टीम ने गवरी नृत्य के माध्यम से लोगों को मतदान के लिए प्रेरित किया. इस नृत्य के माध्यम से स्वीप टीम ने मतदाताओं को मतदान के महत्व के बारे में बताया और उन्हें शत प्रतिशत मतदान करने के लिए प्रेरित किया.

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गवरी नृत्य के माध्यम से मतदाताओं को शत प्रतिशत मतदान के लिए प्रेरित किया गया
गवरी नृत्य के माध्यम से मतदान जागरूकता अभियान

चित्तौड़गढ़ जिले में मतदाता जागरूकता के लिए एक अनूठा प्रयास किया गया है. जिले की स्वीप टीम ने गवरी नृत्य के माध्यम से लोगों को मतदान के लिए प्रेरित किया है. गवरी एक लोकप्रिय आदिवासी नृत्य है जो श्रावण मास में किया जाता है. इस नृत्य के माध्यम से स्वीप टीम ने मतदाताओं को मतदान के महत्व के बारे में बताया और उन्हें शत प्रतिशत मतदान करने के लिए प्रेरित किया.

स्वीप टीम ने पहले बड़ी सादड़ी पंचायत समिति परिसर में मतदाता जागरूकता अभियान के अंतर्गत हस्ताक्षर अभियान शुरू किया. इसके बाद टीम पंडेडा ग्राम पंचायत के फाचर पहुंची, जहां गवरी नृत्य का मंचन किया जा रहा था. गवरी नृत्य के दौरान स्वीप टीम के सदस्यों ने मंच से मतदान के लिए लोगों को प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि मतदान एक नागरिक का अधिकार है और यह अपनी सरकार चुनने का मौका है. इसलिए सभी लोगों को मतदान करना चाहिए.

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गवरी कलाकारों ने भी स्वीप टीम के सदस्यों का समर्थन किया. उन्होंने अपने नृत्य के माध्यम से मतदान के महत्व को बताया. दर्शकों ने भी स्वीप टीम के प्रयासों की सराहना की.

मतदाता जागरूकता अभियान के कुछ फायदे:

गवरी एक लोकप्रिय नृत्य है और लोग इसे देखने के लिए उत्सुक होते हैं. यह ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों तक मतदाता जागरूकता का संदेश पहुंचाने का यह एक प्रभावी तरीका है. इसलिए इस माध्यम से मतदाता जागरूकता अभियान को अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सकता है. गवरी कलाकार भील समुदाय के लोग होते हैं. इसलिए, उनके द्वारा मतदान के लिए प्रेरित करने से भील समुदाय के लोगों में मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ सकती है. कुल मिलाकर गवरी नृत्य के माध्यम से मतदाता जागरूकता अभियान एक सराहनीय प्रयास है. यह मतदाता जागरूकता को बढ़ाने में कारगर हो सकता है.

श्रावण मास में भीलों द्वारा किया जाता है गवरी नृत्य 

गवरी एक लोकप्रिय आदिवासी नृत्य है जो श्रावण मास में किया जाता है. यह नृत्य भील समुदाय के लोगों द्वारा किया जाता है. इस नृत्य में मात्र पुरुष पात्र ही होते हैं. नृत्य के दौरान कलाकार पारंपरिक वेशभूषा पहनते हैं और हाथों में तलवारें और ढालें लेकर नृत्य करते हैं.

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भील समुदाय के जीवन व संस्कृति को दर्शाता है गवरी नृत्य

गवरी नृत्य में विभिन्न प्रकार के नृत्य होते हैं, जिसमें राजा-रानी, कालू कीर, बंजारा, हटिया, कालका माता, काना गुजरी, चोर-सिपाही, देवी अम्बा, मीणा का खेल, बादशाह की फौज और वीरजारा जैसे प्रमुख किरदार का रोल किया जाता है. गवरी नृत्य एक सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम है. यह नृत्य भील समुदाय के लोगों के जीवन और संस्कृति को दर्शाता है. यह नृत्य भील समुदाय के लोगों के लिए एक गौरव की बात है.

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