Christmas 2024: 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है, जिसे ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाने की परंपरा है. ईसाई धर्म में इस पर्व का खास महत्व है. यह उत्सव 25 दिसंबर से शुरू होकर 12 दिनों तक चलता है, जो 6 जनवरी तक जारी रहता है. क्रिसमस से जुड़ी परंपराओं और रस्मों के बारे में आमतौर पर कुछ लोग ही पूरी जानकारी रखते हैं. भारत में क्रिसमस समारोह की विशेष परंपराएं और रस्में लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होती हैं.
क्रिसमस के 12 दिन: परंपराओं का महत्व
क्रिसमस के 12 दिन हर दिन को अलग-अलग महत्व और धार्मिक मान्यताओं के साथ मनाया जाता है.
पहला दिन (25 दिसंबर): यीशु मसीह के जन्म का जश्न.
दूसरा दिन (26 दिसंबर): बॉक्सिंग डे, जो सेंट स्टीफन को समर्पित है. यह दिन गरीबों को उपहार देने की परंपरा का प्रतीक है.
तीसरा दिन (27 दिसंबर): सेंट जॉन द एपोस्टल के सम्मान का दिन.
चौथा दिन (28 दिसंबर): राजा हेरोद द्वारा मारे गए निर्दोष बच्चों की याद.
पांचवां दिन (29 दिसंबर): सेंट थॉमस बेकेट की स्मृति.
छठा दिन (30 दिसंबर): सेंट एग्विन ऑफ वॉर्सेस्टर को समर्पित.
सातवां दिन (31 दिसंबर): नए साल की पूर्व संध्या, पोप सिल्वेस्टर का दिन.
आठवां दिन (1 जनवरी): नए साल का दिन, यीशु की मां मैरी का जश्न.
नौवां दिन (2 जनवरी): संत बेसिल द ग्रेट और ग्रेगरी नाज़ियानज़ेन को याद करने का दिन.
दसवां दिन (3 जनवरी): यीशु के पवित्र नाम का पर्व.
ग्यारहवां दिन (4 जनवरी): सेंट एलिजाबेथ एन सेटन का सम्मान.
बारहवां दिन (5 जनवरी): एपीफेनी की पूर्व संध्या, जब क्रिसमस समारोह समाप्त होते हैं.
क्रिसमस की प्रमुख परंपराएं
यूल लॉग (Yule Log): क्रिसमस की सबसे पुरानी परंपराओं में यूल लॉग शामिल है. इसका संबंध जर्मनिक और स्कैंडिनेवियाई उत्सवों से है. इसे सौभाग्य का प्रतीक माना जाता था और अब यह मिठाई के रूप में लोकप्रिय हो चुका है.
मिस्टलेटो (Mistletoe): मिस्टलेटो के नीचे किस (Kiss) करने की परंपरा भी काफी लोकप्रिय है. इसे फर्टिलिटी, जीवन और प्रेम का प्रतीक माना जाता है.
क्रिसमस ट्री (Christmas Tree): क्रिसमस ट्री की परंपरा 16वीं शताब्दी में जर्मनी में शुरू हुई. सदाबहार पेड़ को मोमबत्तियों और सजावट से सजाया जाता है, जो अनंत जीवन का प्रतीक है.
सांता क्लॉज (Santa Claus): सांता क्लॉज का पात्र संत निकोलस पर आधारित है, जो अपनी उदारता और बच्चों के प्रति प्रेम के लिए जाने जाते थे.
कैरोलिंग (Caroling): कैरोलिंग में घर-घर जाकर क्रिसमस गीत गाने की परंपरा है. इसकी शुरुआत मध्ययुगीन यूरोप में हुई थी.
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