
Rajasthan News: राजस्थान के चूरू जिले में राजस्थान सरकार की स्वास्थ्य योजना RGHS में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. इस घोटाले में इलाज के नाम पर फर्जी पर्चियां बनाकर लाखों रुपये की हेराफेरी की गई. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. मनोज कुमार शर्मा ने इस मामले में दो आयुर्वेद चिकित्सकों सहित 9 लोगों के खिलाफ चूरू कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
OTP से निकाले लाखों रुपये
जांच में पता चला कि चूरू के सरकारी डीबी अस्पताल के नाम से नकली पर्चियां छपवाई गईं. इनका इस्तेमाल मेडिकल स्टोर पर RGHS कार्ड के जरिए फर्जी बिलिंग के लिए किया गया. मरीजों के नाम की पर्चियां बनाकर OTP लिया जाता था, जिससे RGHS योजना का पैसा निकाला गया. कई पर्चियों पर दर्ज मरीजों के नाम अस्पताल के OPD रजिस्टर में नहीं मिले. इतना ही नहीं, छुट्टी पर रहने वाले डॉक्टरों की सील और हस्ताक्षर का भी दुरुपयोग किया गया.
डॉक्टरों को मिलता था कमीशन
कोतवाली थानाधिकारी सुखराम चोटिया ने बताया कि मेडिकल स्टोर संचालक नवीन शर्मा ने कबूल किया कि डॉ. पवन जांगिड़ को हर मरीज के लिए कमीशन दिया जाता था. ज्यादातर फर्जी पर्चियां डॉ. पवन जांगिड़ और डॉ. कविता धनकड़ के नाम से बनाई गईं. शिवम ड्रग स्टोर ने RGHS योजना के तहत 77 लाख 34 हजार रुपये की बिक्री दिखाई, जिसमें से 47 लाख 84 हजार रुपये की बिक्री अकेले डॉ. पवन जांगिड़ की पर्चियों से हुई. जनवरी 2025 से जून 2025 तक डॉ. पवन की पर्चियों से 20 लाख 79 हजार और डॉ. कविता की पर्चियों से 10 लाख 65 हजार रुपये की दवाइयां बेची गईं.
डेढ़ साल में 2.26 लाख का बिल
जांच में यह भी सामने आया कि एक RGHS कार्ड धारक ने डेढ़ साल में 53 बार मेडिकल स्टोर से 2 लाख 26 हजार रुपये की दवाइयां लीं. छुट्टी पर रहने वाली डॉ. पूजा रोहेला के नाम और सील का गलत इस्तेमाल कर 3 लाख 35 हजार रुपये की बिक्री दिखाई गई.
अनधिकृत मशीन से वसूले पैसे
मेडिकल स्टोर पर सरकारी अस्पताल की पर्चियां मिलीं. बिना अनुमति नाड़ी तरंगिणी मशीन से प्रति जांच 500 रुपये वसूले गए. मरीजों को निजी आयुर्वेदिक लैब में भी भेजा गया.
इन पर दर्ज हुआ मामला
मुकदमा शिवम आयुर्वेदिक ड्रग के दीपक, नवीन शर्मा, सुशीला शर्मा, डॉ. पवन जांगिड़, डॉ. कविता धनकड़, और RGHS कार्ड धारक मनोज कुमार, कृष्णा देवी, महिप पूनियां सहित एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ दर्ज किया गया है. पहले भी एक महिला आयुर्वेद डॉक्टर ने अपनी मुहर और हस्ताक्षर के दुरुपयोग की शिकायत दर्ज कराई थी.
पुलिस की जांच शुरू
पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है. यह घोटाला स्वास्थ्य योजना में भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है, जो जनता के भरोसे को ठेस पहुंचा सकता है.
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