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Rajasthan: RRR की थीम पर काम कर रहा चूरू नगर परिषद, शहर में हो रहे ये बड़े बदलाव

आयुक्त अभिलाष सिंह ने बताया, 'हम मानते हैं कि पिछली बार स्वच्छता सर्वेक्षण में हम पीछे गए थे, लेकिन इस बार हमारी ओर से अच्छे प्रयास किया जा रहे हैं. पूरी उम्मीद है कि इस बार हमें सफलता मिलेगी. रैंक में सुधारने के लिए कई गतिविधियां जारी है. कुछ नवाचार भी किए जा रहे हैं.

Rajasthan: RRR की थीम पर काम कर रहा चूरू नगर परिषद, शहर में हो रहे ये बड़े बदलाव

Rajasthan News: स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछली बार चूरू (Churu) फिसड्डी साबित हुआ था. प्रदेश स्तर पर पिछले साल चूरू नगर परिषद (Churu Municipal Council) की 32वी रैंक रही थी. अब इस रैंक को सुधारने के लिए चूरू नगर परिषद की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहे हैं. इस कड़ी में परिषद की ओर से नए-नए नवाचार भी किया जा रहे हैं. इस बार प्रदेश में चूरू नगर परिषद की अच्छी रैंक रहे, इसके लिए नगर परिषद इसे चुनौती के रूप में ले रहा है. नगर परिषद का दावा है कि इस बार बनाई गई कार्य योजना के आधार पर काम कर स्वच्छता सर्वेक्षण (Swachh Survekshan 2024) में अच्छी रैंकिंग पर ले जाएंगे. 

RRR की थीम पर काम जारी

स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में चूरू नगर परिषद का 9500 अंकों के आधार पर मूल्यांकन होगा, इसकी गाइडलाइन जारी कर दी गई है. आरआरआर (रिड्यूस रीयूज रीसाइक्लिंग) की थीम पर सिलेक्शन किया जाएगा. पिछली बार स्वच्छता सर्वेक्षण में 9500 में से चूरू नगर परिषद को महज 1730.55 अंक मिले थे. हालात ये रहे की डंपिंग व वेस्ट निस्तारण के 0 (शून्य) अंक मिले थे. नगर परिषद की आयुक्त अभिलाष सिंह के निर्देशन में इस बार नंबर बढ़ाने के लिए अलग से कार्य योजना बनाई गई है. इसको लेकर अधिकारियों व कर्मचारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी भी दी गई है. पिछले साल जिन बिंदुओं पर कम नंबर मिले, इस बार उन पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में चूरू नगर परिषद की नेशनल स्तर पर 418 व 2022 में 331 वी रैंक रही थी.

चूरू के सौंदर्य में लगेंगे चार चांद

आयुक्त अभिलाष सिंह ने बताया, 'हम मानते हैं कि पिछली बार स्वच्छता सर्वेक्षण में हम पीछे गए थे, लेकिन इस बार हमारी ओर से अच्छे प्रयास किया जा रहे हैं. पूरी उम्मीद है कि इस बार हमें सफलता मिलेगी. रैंक में सुधारने के लिए कई गतिविधियां जारी है. कुछ नवाचार भी किए जा रहे हैं. स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए पेंटिंग व निबंध प्रतियोगिता करवाई गई हैं. महिला दिवस पर महिलाओं की जागरूकता रैली निकाली गई है. सफाई मित्र सुरक्षा व सम्मान सप्ताह के तहत सफाई मित्रों के स्वास्थ्य की जांच करवाई गई है. अब शहर के सभी पार्कों की महिला सहायता समूह की महिलाओं से सफाई सहित देख-रेख करवाई जा रही है. सेठानी जोड़ व चूरू चौपाटी की सफाई करवाकर वॉल पेंटिंग करवाई जा रही हैं. मुख्य बाजारों में सुबह 10 से दोपहर 12 तक ऑटो टिंबर के जरिए कचरा संग्रहण किया जा रहा है.'

चूरू में वॉल पेंटिंग का काम जारी.

चूरू में वॉल पेंटिंग का काम जारी.
Photo Credit: NDTV Reporter

सर्वश्रेष्ठ सफाई कर्मी होगा सम्मानित

सिंह ने आगे बताया, 'इसके अलावा स्वच्छता चैंपियनशिप शुरू की जाएगी, इसके तहत वार्ड को सबसे ज्यादा स्वच्छ रखने वाले को सर्वश्रेष्ठ सफाई कर्मी के रूप में सम्मानित किया जाएगा. वहीं शहर के सौंदर्य को बढ़ाने के लिए शहर की मुख्य सड़कों की दोनों तरफ की दीवारों पर भी पेंटिंग करवाई जा रही है, जिनमें राजस्थानी धरोहर की पेंटिंग की जाएगी. इसके अलावा कई मोहल्ले में बने अस्थाई कचरा स्थलों से कचरा साफ करवा कर यहां सेल्फी प्वाइंट या पेंटिंग करवाई जाएगी, ताकि आगे वहां कचरा नहीं डालें. प्रमुख चौराहों पर नुक्कड़ नाटक व ब्रांड एंबेसडर के जरिए लोगों में सफाई के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाएगी. इसके अलावा शहर की सुंदरता को बढ़ाने के लिए शहर की जनता से भी सुझाव लिए जा रहे हैं कि किस प्रकार से हम हमारे शहर को स्वच्छ साफ सुथरा बनाएं.

डंपिंग व वेस्ट निस्तारण होगा बेहतर

पिछली बार चूरू को स्वच्छता सर्वेक्षण में कम नंबर रहने के पीछे की वजह एक यह भी रही की डंपिंग और वेस्ट निस्तारण में चूरू को 0 अंक मिले थे. अब इसी को सुधारने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. आयुक्त अभिलाष ने बताया कि पिछले वर्ष जिन कार्यों में कम नंबर मिले वहां ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. पिछले साल डोर टू डोर संग्रहण में 31 प्रतिशत नंबर मिले थे. इस बार नियमित रूप से ऑटो टिंपर से घर-घर कचरा लिया जा रहा है. रियायशी जगहों, बाजारों में सफाई के 32-32 प्रतिशत नंबर मिले थे. इस बार कचरा संग्रहण की व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है. स्वच्छता चैंपियनशिप शुरू की जा रही है. नाले नालियो की सफाई के 26 प्रतिश्त अंक मिले थे. इस बार बड़े नालों की सफाई के लिए 30 लाख खर्च कर काम करवाया जा रहा है. नालियों की भी नियमित सफाई करवाई जाएगी. सार्वजनिक शौचालय की सफाई के 17% नंबर मिले थे, अब 5 शौचालयों को अपग्रेड व शहरी क्षेत्र में 12 से 18 नए  शौचालय निर्माण को लेकर डीएलबी का प्रस्ताव बनाकर भेजा है. इस बार डंपिंग व वेस्ट निस्तारण को बेहतर बनाया जाएगा.

क्या उद्देश्य है स्वच्छता सर्वेक्षण का?

स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग अभ्यास भारत सरकार की एक गतिविधि है जिसका उद्देश्य राज्यों एवं शहरी स्थानीय निकायों द्वारा स्वच्छता प्रयासों के स्तरों का आकलन समयबद्ध और नवाचार तरीके से करना है. तथा पिछले स्वच्छ सर्वेक्षण के बाद अर्जित की गई बेहतरी, जिनके परिणामों की घोषणा  की गई, को दर्ज करना है. इसके अतिरिक्त, यह स्वच्छता स्तरों के संबंध में दूसरों के मुकाबले नगरों को श्रेणीबद्ध करने में भी मदद करना है. सर्वेक्षण का उद्देश्‍य कस्‍बों और शहरों को रहने का बेहतर स्‍थान बनाने की ओर मिलकर बहुसंख्‍या में भागीदारी को बढ़ावा देना तथा समाज के सभी वर्गों में जागरूकता पैदा करना है. इसके अतिरिक्‍त सर्वेक्षण से शहरों को स्‍वच्‍छ बनाने में और नागरिकों को सेवाएं प्रदान करने में सुधार करने एवं शहरों और कस्‍बों में एक स्‍वस्‍थ प्रतिस्‍पर्धा को जागृत करना है.

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