
Rajasthan News: पुलिस लाइन के पास रेलवे फाटक पर प्रस्तावित ओवरब्रिज को लेकर झुंझुनूं के लोगों की वर्षों पुरानी मांग आखिरकार पूरी होने की ओर है. लगभग 10 साल पहले शुरू हुई इस योजना की प्रक्रिया एक बार फिर रफ्तार पकड़ रही है. जिले के प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत और विधायक राजेंद्र भांबू ने जानकारी दी है कि इस अधूरे पड़े ओवरब्रिज को अब टू लेन की बजाय फोर लेन में बदला जाएगा. इसके लिए नई DPR तैयार की गई है और लगभग 51.88 करोड़ रुपये की संशोधित लागत को रेलवे की स्वीकृति के लिए भेजा गया है. स्वीकृति मिलते ही काम शुरू किया जाएगा.
एक दशक पुरानी योजना, कम पड़ा था काम
2015 में रेलवे ने पुलिस लाइन के पास स्थित रेलवे फाटक पर आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) बनाने की घोषणा की थी. 2016 में राज्य सरकार और रेलवे के बीच 50-50 प्रतिशत राशि देने पर सहमति बनी. उस समय इसकी लागत 36.12 करोड़ रुपये थी. हालांकि काम की शुरुआत 2019 में हो पाई, लेकिन बजट और केंद्र-राज्य के बीच तालमेल की कमी के चलते दो साल बाद काम ठप पड़ गया.
रेलवे ने अपनी हिस्सेदारी 50 से घटाकर 25 फीसदी करने की बात कही, जबकि राज्य सरकार 50 फीसदी से अधिक राशि देने को तैयार नहीं थी. इसी खींचतान के चलते काम 2021 से पूरी तरह बंद है.
सरकार बदलने से जगी उम्मीद
अब प्रदेश की डबल इंजन सरकार यानी केंद्र और राज्य की एक जैसी सरकार बनने के बाद तालमेल की समस्या दूर हो गई है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में नई डीपीआर तैयार की गई है. अब इस ओवरब्रिज को टू लेन से फोर लेन में बदला जाएगा, जिससे झुंझुनूं के अलावा खाटू श्याम, सालासर, जीण माता जैसे धार्मिक स्थलों की ओर जाने वाले यात्रियों को जाम की समस्या से निजात मिलेगी.
विधायक राजेंद्र भांबू ने बताया कि वे लगातार इस मुद्दे को विधानसभा में उठाते रहे हैं और मुख्यमंत्री से संपर्क में भी रहे. सरकार ने आश्वस्त किया है कि कार्य जल्द शुरू किया जाएगा.
अब इंतजार सिर्फ रेलवे की स्वीकृति का
रूडसिको द्वारा तैयार किए गए 51.88 करोड़ रुपये की संशोधित योजना को रेलवे को अनुमति के लिए भेज दिया गया है. अनुमति मिलते ही स्वीकृति जारी होगी और काम की शुरुआत होगी. अब झुंझुनूं को जल्द ही एक फोर लेन ओवरब्रिज की सौगात मिल सकती है.
ये भी पढ़ें- Rajasthan में 15 दिन के अंदर होगी जब्त बजरी की नीलामी, वाहनों पर भी कोर्ट ऑर्डर के बाद एक्शन