कोटा में बन रहे नए एयरपोर्ट को लेकर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने है. कुछ दिन पहले कोटा आए CM गहलोत ने एयरपोर्ट में देरी की वजह केंद्र सरकार को बताया था. उन्होंने कहा था कि, अगर केंद्र से एयरपोर्ट नहीं बन रहा तो हम बना देंगे. अब केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट करते हुए CM गहलोत के बयान को भ्रामक बताया है. सिंधिया ने लिखा कि, राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने मामले के तथ्यों को ध्यान में रखे बिना भ्रामक बयान दिया है.
सिंधिया ने अपनी पोस्ट में बिंदुवार उल्लेख करते हुए राज्य सरकार द्वारा नए एयरपोर्ट के लिए की जाने वाली जमीन के आवंटन से लेकर अन्य प्रक्रियाओं में ढुलमुल रवैया अपनाने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजस्थान में हवाई अड्डे और नागरिक उड्डयन विकास में सबसे कम दिलचस्पी है.
The back-and-forth, staggered response and tardy pace of handing over of the land by the State govt. have delayed the process of development of the #KotaAirport
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) September 16, 2023
It shows that CM @ashokgehlot51 Ji is least interested in the development of Kota Greenfield Airport or civil… pic.twitter.com/CJ1VNHt62V
सिंधिया ने केंद्र की ओर से समय-समय पर भेजे गए पत्रों का भी जिक्र किया है. उन्होंने लिखा कि आज तक राज्य सरकार ने केवल 33.4 हेक्टेयर भूमि का आवंटन किया है जबकि एयरपोर्ट के लिए कुल 440 एकड़ की ज़मीन प्रस्तावित है. उन्होंने आरोप लगाया कि, 07/07/2023 और 26/07/2023 को एमओसीए और एएआई द्वारा कई बार याद दिलाने के बाद भी राज्य द्वारा शेष भूमि के डायवर्जन की प्रक्रिया अभी तक नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि सरकार अपने ही विभागों में डायवर्सन से संबंधित राशि जमा नहीं कर रही है.
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने ये भी कहा कि राज्य सरकार को इस तथ्य से अवगत कराया गया था कि संबंधित नियामक अधिकारियों से आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने के लिए पावर ग्रिड लाइन को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है. हालाँकि, यह अभी भी राज्य सरकार के स्तर पर लंबित है. इसके बावजूद, हमने अपनी ओर से साइट का सर्वे और मिट्टी जांच का काम पूरा कर लिया है.
सिंधिया ने कहा कि, राज्य सरकार द्वारा जमीन सौंपने में देरी और मामले में ढिलाई बरती जा रही है जिससे हवाई अड्डे के विकास की प्रक्रिया में देरी हुई है. इससे पता चलता है कि मुख्यमंत्री गहलोत को राज्य में नागरिक उड्डयन के विकास में सबसे कम दिलचस्पी है
केंद्र हाथ खड़े कर दे उनसे नहीं बन रहा है तो हम बना देंगे : गहलोत
13 सितंबर को सीएम अशोक गहलोत ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल विधायक भरत सिंह और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ कोटा के शंभूपुरा में प्रस्तावित नए एयरपोर्ट की जमीन का निरक्षण किया था. एयरपोर्ट का नक्शा देखने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कह था कि, केंद्र जबरन इसमें अड़चन पैदा कर रहा है. नई-नई शर्त लगाकर एयरपोर्ट के निर्माण में देरी की जा रही है. उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पर भी निशान साधा था और कहा था कि यदि केंद्र सरकार से नहीं हो पा रहा है तो वह हाथ खड़े कर दे हम एयरपोर्ट बना देंगे.
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