
शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में अपराधियों को सख्त चेतावनी दी. उन्होंने दो-टूक कहा कि अपराधी या तो अपराध छोड़े या फिर राजस्थान छोड़ें. सीएम ने कहा कि अपराधों के खिलाफ रेस्पॉन्स टाइम में राजस्थान पूरे देश में अव्वल है. पुलिस द्वारा लगभग सभी आपराधिक घटनाओं का खुलासा कर अपराधियों को पकड़ा जा रहा है और न्यूनतम समय में उनको सजा दी जा रही है. प्रदेश में कानून व्यवस्था मजबूत बनाए रखने और इसके समक्ष आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए हमारी सरकार हरसंभव प्रयास और नवाचार कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था सुचारू रखने और पीड़ितों को न्याय दिलवाने की जिम्मेदारी पुलिस के कंधों पर है.
CM ने दौसा की घटना को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
दौसा में बदमाशों की गोली से जख्मी पुलिस कांस्टेबल की मौत की घटना को मुख्यमंत्री ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया. सीएम ने मृतक कांस्टेबल प्रहलाद के एक परिजन को सरकारी नौकरी, मुख्यमंत्री सहायता कोष से 20 लाख रुपए सहित कुल 1 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता एवं पारिवारिक पेंशन, एमआईजी-ए श्रेणी का मकान, कृषि कार्य के लिए कनेक्शन एवं गैलेंट्री सम्मान के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखने का कहा है. आरोपियों के खिलाफ मुकदमे को फास्ट ट्रैक कोर्ट में लाया जाएगा तथा स्पेशल पी.पी. नियुक्त किया जाएगा.
Press Conference at PHQ, Jaipur | August 25 https://t.co/kzhIJs5qs3
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 25, 2023
ऑपरेशन गरिमा और कन्हैयालाल मर्डरकेस पर भी CM ने की बात
मनचलों पर नकेल कसने के बाबत सीएम ने कहा कि महिलाओं के साथ मनचलों द्वारा छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए ऑपरेशन गरिमा संचालित किया जा रहा है. इस तरह के अवांछित कृत्य करने वालों के विरुद्ध चालान होने पर उनके चरित्र सत्यापन में इसका उल्लेख किया जाएगा.
सीएम ने उदयपुर के बहुचर्चित कन्हैया लाल मर्डरकेस के आरोपियों को गिरफ्तारी में अहम भूमिका निभाने वाले दो लोगों को दी जाने वाली सरकारी नौकरी के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कन्हैया लाल हत्याकांड में आरोपियों का पीछा कर उनको पकड़ने में पुलिस की मदद करने वाले प्रहलाद सिंह और शक्ति सिंह को नौकरी देने की प्रक्रियाधीन है.
सोशल मीडिया पर नफरती कंटेंट की हो विशेष निगरानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में साम्प्रदायिक सौहार्द्र को बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सोशल मीडिया पर विशेष ध्यान देकर नफरती तथा हिंसात्मक कंटेट की विशेष मॉनिटरिंग की जाए. साथ ही, साइबर अपराध एवं ऑनलाइन धोखाधड़ी तथा हनीट्रेप से संबंधित अपराधों की रोकथाम हेतु आमजन में जागरूकता लाई जाए. उन्होंने कहा कि शराब की दुकानों तथा नाइट क्लब को तय समय सीमा के अंदर संचालित किया जाए तथा नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
डायल 112 परियोजना के अन्तर्गत 100 फर्स्ट रेस्पोंस व्हीकल
गहलोत ने इस दौरान आमजन को आपातकालीन स्थिति में सहायता प्रदान करने एवं प्रतिक्रिया समय को कम करने के उद्देश्य से जयपुर कमिश्नरेट, जोधपुर कमिश्नरेट, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अजमेर, भीलवाडा, कोटा सिटी, उदयपुर, बीकानेर जिले के लिए 100 फर्स्ट रेस्पोंस व्हीकल को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया. परियोजना के द्वितीय एवं तृतीय चरण में क्रमश 100 वाहन 300 वाहन आगामी 20 सितम्बर तथा 20 अक्टूबर से पूर्व उपलब्ध हो सकेंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा बजट में राजस्थान के समस्त जिलों में 500 फर्स्ट रेस्पास व्हीकल (एफआरवी) उपलब्ध कराये जाने की घोषणा की थी.
फर्स्ट रेस्पोंस व्हीकल की विशेषताएं
ये सभी वाहन आधुनिक मोबाईल डाटा टर्मिनल (एमडीटी) कैमरा, एनवीआर वायरलेस सेट, जीपीएस पब्लिक एड्रेस सिस्टम, फर्स्ट एड बाक्स, स्ट्रेचर एवं अन्य आपातकालीन उपकरणों से लैस है. इनका कमाण्ड कंट्रोल सेन्टरर्स में स्थित ईआरएस डायल 112 से जुड़े रहेंगें तथा इनकी वास्तविक लोकेशन को ट्रैक किया जा सकेगा. आमजन द्वारा आपातकालीन स्थिति में सहायता डायल 112 पर सम्पर्क करने पर डिस्पेचर संबंधित मोबाईल डाटा टर्मिनल वाहन को सहायता हेतु निर्देशित करेंगे और सबसे नजदीकी वाहन द्वारा त्वरित गति से सहायता उपलब्ध करायी जा सकेगी.
अहर्निशं सेवामहे !
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 25, 2023
आज प्रदेश में नागरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित 100 एफआरवी को हरी झंडी दिखाकर जन समर्पित किया।
यह वाहन लोगों को आपातकालीन स्थिति में तत्काल सुरक्षा व राहत पहुंचाने में उपयोगी होंगे। pic.twitter.com/XBtlJfPnvd
गृह राज्यमंत्री सहित पुलिस के वरीय अधिकारी थे मौजूद
इस बैठक में गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव, मुख्य सचिव उषा शर्मा, पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोडा, प्रमुख शासन सचिव गृह आनंद कुमार, डीजी लॉ-एंड-ऑर्डर राजीव कुमार शर्मा, डीजी ट्रेनिंग जंगा श्रीनिवास राव, डीजी क्राइम रवि प्रकाश मेहरड़ा, एडीजी क्राइम दिनेश एमएन, एडीजी लॉ-एंड-ऑर्डर आनंद श्रीवास्तव, एडीजी एसओजी-एटीएस अशोक राठौड़, एडीजी सिविल राईट्स स्मिता श्रीवास्तव, एडीजी इन्टेलीजेंस एस. सेंगथिर, सहित आला अधिकारी मौजूद रहे.
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