Lok Sabha Elections: कहते हैं राजनीतिक में कोई लंबे समय तक सगा और दुश्मन नहीं होता है. कुछ ऐसा ही नजारा राजस्थान में उस वक्त दिखा कांग्रेस ने भाजपा की राह पर चलते हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बागी हुई दो कांग्रेस नेताओं को फिर गले से लगा लिया है.
जी हां, हम बात कर रहे हैं पूर्व कांग्रेस वाजिद अली चिता और पूर्व विधायक गोपाल बाहेती, जिन्होंने विधानसभा चुनाव 2023 में बगावात करते हुए निर्दलीय चुनाव में उतरे थे, लेकिन चुनाव हार गए. रविवार को पीसीसी रूम में राजस्थान पीपीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की मौजूदगी में 6 साल के लिए निष्कासित दोनों नेताओं को कांग्रेस शामिल कराया गया
भाजपा के मिशन 25 को पूरा नही होने देगी कांग्रेस
गौरतलब है राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों जोर आजमाइश कर रही है. एक ओर भाजपा राजस्थान में 25 सीटों पर हो रहे लोकसभा चुनाव सीटों पर जीत के लिए अपने बड़े नेता चुनावी सभाओं के लिए लामबंद कर चुकी है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस भी कोई कोर कसर छोड़ने को तैयार नहीं दिख रही है.
मिशन 25 के लिए भाजपा ने राजस्थान में लगा दी है एड़ी-चोटी
राजस्थान के 25 लोकसभा सीट पर जीत के लिए कांग्रेस और भाजपा द्वारा अपने स्टार प्रचारकों की सूचियां भी तैयार कर ली है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तैयारियों का जायजा लेने के लिए रविवार दोपहर राजस्थान के दो दिवसीय दौरे के लिए पहुंचे हैं. प्रधानमंत्री मोदी आगामी 2 अप्रैल को राजधानी जयपुर के कोटपूतली में एक जनसभा करेंगे.
विधानसभा के बाद लोकसभा में चूकना नहीं चाहती हैं कांग्रेस
कांग्रेस राजस्थान विधानसभा चुनाव हारने के बाद अब लोकसभा चुनाव में चूकना नहीं चाहती हैं. यही वजह है कि पार्टी ने रूठे नेताओं को मनाने के लिए भाजपा की राह पर चलने से गुरेज नहीं किया है. कांग्रेस से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले दोनों नेता एक बार फिर से घर वापसी करवा दी है. वजह साफ है पार्टी किसी तरह से वोटों का नुकसान नहीं चाहती है.
डोटासरा की मौजूदगी में दोबारा पार्टी में शामिल हुए दो बागी नेता
रविवार को पीसीसी और रूम में घर वापसी करने वाले नेताओं में वाजिद अली चिता व पूर्व विधायक गोपाल बाहेती के नाम शामिल है.दोनों नेताओं ने विधानसभा चुनाव पार्टी के खिलाफ लड़ा था, जिसके बाद पार्टी लेने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था, लेकिन अब एक बार फिर से पार्टी नेताओं से बातचीत के बाद कांग्रेस में शामिल हुए हैं.
बागी वाजिद अली चिता मसूदा सीट से चुनाव लड़ चुके है
वाजिद अली चिता मसूदा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके है. बीते विधानसभा चुनाव में इन्हें 30000 के लगभग वोट प्राप्त हुए थे, जिसके चलते कांग्रेस को वहां नुकसान हुआ था और अब ऐसे में लोकसभा चुनाव के नजदीक कांग्रेस किसी भी तरह का नुकसान उठाना नहीं चाहती है. ऐसे में निष्कासित नेताओं को एक बार फिर से पार्टी में शामिल किया जा रहा है
पुष्कर सीट से पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़े थे पूर्व MLA गोपाल बाहेती
वहीं, अजमेर लोकसभा सीट की पुष्कर विधानसभा से पूर्व विधायक गोपाल बाहेती भी पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़े और उन्हें पार्टी ने निष्कासित कर दिया. ऐसे में एक बार फिर गोपाल बाहेती को कांग्रेस में शामिल किया गया है, क्योंकि पार्टी वोटों का बंटवारा होने से अजमेर लोकसभा सीट पर संभावित जीत का हार में तब्दील होने से रोकना चाहती है.
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