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Ram Temple: '...वे किस मुंह से अयोध्या जाएंगे', कांग्रेस के निमंत्रण ठुकराने पर BJP मंत्री ने कसा तंज

Ram Temple Inauguration: आगामी 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए कांग्रेस के तीन प्रमुख नेताओं खरगे, सोनिया और चौधरी को निमंत्रित किया गया था. लेकिन उन्होंने इसे बीजेपी और आरएसएस का कार्यक्रम करार देते हुए निमंत्रण अस्वीकार कर दिया.

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Ram Temple: '...वे किस मुंह से अयोध्या जाएंगे', कांग्रेस के निमंत्रण ठुकराने पर BJP मंत्री ने कसा तंज
Ram Temple Inauguration: राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत (फाइल फोटो)

Ram Temple Ayodhya: कांग्रेस हाईकमान ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का न्योता ठुकरा दिया है, जिसके बाद से देश में राजनीति गरमा गई है. भारतीय जनता पार्टी के नेता इसे लेकर कांग्रेस नेताओं की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं. वहीं जनता भी सोशल मीडिया पर कांग्रेस को ट्रोल कर रही है. बीते दिन से 'विनाश काले विपरीत बुद्धि' हैशटैग 'एक्स' पर ट्रेंड कर रहा है. इस मामले को लेकर राजस्थान की भजन लाल सरकार में कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत का भी एक बयान सामने आया है, जिसमें वे कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं.

'उनकी आत्मा गवाही नहीं देगी' 

जयपुर में मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए अविनाश गहलोत ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, 'कांग्रेस सरकार जब सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कह सकती है कि भगवान राम काल्पनिक है, और राम सेतू काल्पनिक है, तो वे अब किस मुंह से राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने अयोध्या जाएंगे. मुझे नहीं लगता कि उनकी आत्मा भी गवाही देगी कि वो राम मंदिर में जाएं. जो राम के ही विपरीत है, राम की कल्पना के ही विपरीत है, वो लोक कैसे जाएंगे. मैं नहीं समझता के राम विरोधियां का राम मंदिर में जाना भी उचित होगा.'

'ये राम राज्य की सरकार है...'

अविनाश गहलोत ने आगे कहा, 'ये कोई नाथी के बाड़े की सरकार नहीं है. ये राम राज्य की सरकार है, सुशासन की सरकार है. उन्होंने अगर अच्छा काम किया होता तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट हो जाती. लेकिन राजस्थान की 8 करोड़ की जनता ने ये तय कर लिया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम लोग विकसित राजस्थान बनाएंगे. विकसित भारत बनाएंगे. गोविंद सिंह डोटासरा का बड़बोलापन रहा है इसीलिए वो कहेंगे. क्योंकि कांग्रेस शुरुआत से हिंदू विरोधी रही है. हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ भी करती आई है. सरकार कोई भी लेकिन जनकल्याण के साथ काम करने की जो मंशा होती है उसके साथ इन लोगों ने हमेशा अन्याय किया है.'

'ये BJP और RSS का आयोजन'

बताते चलें कि कांग्रेस ने बुधवार को कहा था, 'अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल नहीं होंगे, क्योंकि यह भाजपा और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) का आयोजन है तथा ‘अर्द्धनिर्मित मंदिर' का उद्घाटन चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है.'

'मंदिर को राजनीतिक परियोजना बनाया'

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में यह भी कहा कि भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं तथा धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक ‘राजनीतिक परियोजना' बना दिया है.

बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना

भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दल का दिमाग ठीक उसी तरह खराब हो गया है जैसा कि त्रेता युग में रावण का हो गया था तथा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का बहिष्कार करने वालों का जनता चुनाव में बहिष्कार करेगी. आगामी 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए कांग्रेस के तीन प्रमुख नेताओं खरगे, सोनिया और चौधरी को निमंत्रित किया गया था.

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