Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. मैदान सजने लगे हैं. भाजपा-कांग्रेस के साथ-साथ अन्य दलों के रणबांकुरे अपनी-अपनी दावेदारी जताते हुए वोटरों को लुभाने में लगे हैं. भाजपा की पहली लिस्ट के बाद पार्टी में घमासान मचा है. दूसरी ओर कांग्रेस अभी तक प्रत्याशियों के नाम पर मंथन ही कर रही है. लेकिन दोनों ही पार्टी के नेता-कार्यकर्ता अपनी-अपनी जीत के लिए पूरी फिल्डिंग कर रहे हैं. इस बीच सीएम अशोक गहलोत के गृह नगर जोधपुर से कांग्रेस में कांग्रेस की महिला नेताओं ने चुनाव प्रचार की कमान संभाल ली है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर की करें तो पहली बार कांग्रेस के टिकट पर शहर विधानसभा से विधायक बनी मनीषा पवार ने पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए खास टिप्स दिए. मनीषा पवार एक बार फिर टिकट पाने की जुगत में लगी हैं. मंगलवार को जोधपुर महिला कांग्रेस कमेटी की महिला नेत्रियों को वो चुनाव को लेकर भी अनोखी टिप्स देती दिखीं.
हर घर की महिला से संपर्क करने का टास्क
दरअसल मंगलवार को रातानाडा स्थित माहेश्वरी जनोपयोगी भवन में बैठक का आयोजन किया गया. जहां बैठक में शहर जिला महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष व विधायक मनीषा पवार ने सदस्यों को चुनाव प्रचार के टिप्स दिए महिलाओं को हर घर में पहुंच कर हर घर की महिला से संपर्क कर उन्हें साधने की कोशिश करने के टिप्स दिए.
महिलाएं किसी के रसोई तक पकड़ बना सकती है
विधायक मनीषा पवार ने कहा कि चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में महिलाओं को भी इस चुनाव में जिम्मेदारी दी गई है जिसे भी टिकट मिलेगा उसके पक्ष में वोट के लिए मैदान में उतरेंगे. महिला कार्यकर्ता आसानी से आम महिलाओं तक, उनकी रसोई तक पकड़ बना सकती हैं. विधायक मनीष पंवार ने बताया कि प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर ही जोधपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों व महिला पार्षदों के साथ ही पार्षद प्रत्याशियों कि इस बैठक में उन्हें मुख्यमंत्री गहलोत की योजनाओं के प्रचार-प्रसार को लेकर विस्तार से चर्चा की की गई.
मुख्यमंत्री गहलोत की करीबी हैं मनीषा पवार
वहीं मुख्यमंत्री गहलोत के विधानसभा क्षेत्र सरदारपुरा सहित शहर और सूरसागर विधानसभा क्षेत्रों में घर-घर प्रचार करने की रणनीति भी बनाई गई. जोधपुर शहर विधायक मनीषा पंवार राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी विधायकों में मानी जाती है. जहां वर्ष 2018 में पहली बार विधानसभा का टिकट मिलने पर 5 हजार से अधिक वोटों से भाजपा के अतुल भंसाली को पराजित कर विधायक बनी थी.
हालांकि गहलोत के तीसरे कार्यकाल में उन्हें सरकार में उन्हें मंत्री पद तो नसीब नहीं हुआ लेकिन भाजपा की परंपरागत सीट पर कब्जा कायम करने का तोहफा उन्हें एक बार फिर विधानसभा के टिकट के रूप में मिल सकता है.
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