
Rajasthan: राजस्थान में 12वीं की किताब 'आजादी के बाद स्वर्णिम इतिहास' पर विवाद हो गया. इस बुक में गांधी-नेहरू परिवार सहित कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों पर बहुत सारा कंटेंट है, लेकिन 11 साल से पीएम मोदी के योगदान पर पढ़ने के लिए बहुत कम जानकारी दी गई है. मोदी को तवज्जो नहीं मिलने के कारण सरकार ने किताब स्टूडेंट्स को नहीं पढ़ाने का फैसला किया है. तर्क है कि सरकार की मंजूरी के बाद ही किताबें बांटी जा रही हैं. बुक को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने तैयार कराई है.
कांग्रेस के समय से पढ़ाई जा रही है
कक्षा 11-12 में भाग-1 और भाग-2 के रूप में पिछली कांग्रेस सरकार के समय से पढ़ाई जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विभागीय अफसरों और पाठ्यक्रम निर्माण समिति ने पुराने संस्करण को सिर्फ 2025 में लगाकर हुबहू प्रिंट करवा लिया गया. ज्यादा बवाल भाग-2 पर है. इसके कवर पर इंदिरा और राजीव गांधी की फोटो हैं.
नेहरू से लेकर मनमोहन तक फोटो
नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह के अलग-अलग पेजों पर 15 से ज्यादा फोटो है, और मोदी का एक भी नहीं है. संयोजक के प्राक्कथन में 80% जिक्र राजीव गांधी के योगदान का है. दूसरी तरफ, 11 साल से देश के पीएम मोदी का एक भी फोटो नहीं है. पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और पीएम मोदी के योगदान की अन्य प्रधानमंत्रियों की तरह जानकारियां नहीं हैं. सोनिया गांधी और अशोक गहलोत का भी फोटो है.
मंत्री बोले- ऐसी किताब को नहीं पढ़वाएंगे
राजस्थान सरकार में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मीडिया से कहा कि ये किताब सिर्फ कांग्रेस को महिमामंडित कर रही है. ऐसा लग रहा है कि जैसे सबकुछ कांग्रेस ने ही किया है. उन्होंने कहा कि ऐसी किताब को नहीं पढ़वाएंगे. उन्होंने कहा कि इसमें तोकतंत्र की हत्या करने वाली की गाथाएं हैं. फोटो तो छोड़िए पीएम मोदी के योगदान का विस्तृत उल्लेख तक नहीं है. भैरोंसिंह शेखावत, वसुंधरा राजे का योगदान कहां गया?
मंजूरी मिलने के बाद किताबें छपवाई
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव कैलाश चंद शर्मा ने मीडिया से कहा कि बोर्ड अपनी किताबों के लिए पहले सरकार से अनुमोदन लेता है. मंजूरी मिलने के बाद किताबें छपवाई हैं. सरकार जैसा भी निर्देश देगी इसका पालन करेंगे . पुस्तक मंडल के सीईओ मनोज कुमार बोले कि हमारा काम सिर्फ छपाई और वितरण का है. हमें नहीं पता, इनमें क्या छपा है, क्या नहीं.
यह भी पढ़ें: जगुआर फाइटर जेट क्रैश में पाली के पायलट ऋषिराज सिंह शहीद, शादी के लिए लड़की देख रहे थे माता-पिता