
Controversy on Tikaram Jully's statement about Madhuri Dixit: अभिनेत्री माधुरी दीक्षित पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी बयान आ गया है. जूली के बयान पर विवाद के बाद गहलोत ने अलग बयान दिया है. उनका कहना है कि कि कलाकार तो कलाकार है, उसका कोई दर्जा नहीं होता. आईफा में जो भी एक्टर आए उन सबका स्वागत करना चाहिए. गहलोत ने कहा कि IIFA आयोजन पर हुए खर्च को लेकर सवाल उठ गया है. ऐसे में सरकार को हिसाब देना ही चाहिए. माधुरी दीक्षित को लेकर कहा, फिल्मी दुनिया में कलाकार तो कलाकार होता है, उसमें कोई दर्जा नहीं होता. कोई सीनियर या जूनियर नहीं होता. मैं सबका सम्मान करता हूं.
आईफा पर सरकार स्थिति स्पष्ट करें- गहलोत
गहलोत ने कहा- वह तो हमारे नेता प्रतिपक्ष ही कह चुके हैं कि आईफा की फाइल बुलेट ट्रेन की तरह चली है, उसके बाद क्या कहना है. जिस तरह से 100 करोड़ रुपए सरकार की तरफ से देने की बात सामने आ रही है, उस पर सरकार को स्थिति साफ करनी चाहिए. 100 करोड़ रुपए मायने रखते हैं, अगर इतना बड़ा इन्वेस्टेमेंट किया तो उसी ढंग से उसका परिणाम आना चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा में उठाए थे सवाल
इसी सप्ताह बुधवार को विधानसभा में विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान टीकाराम जूली ने IIFA अवॉर्ड्स पर खर्च को लेकर सवाल किया था. उन्होंने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि इस कार्यक्रम के लिए 100 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए गए, जबकि खाटू श्याम जी और गोविंद देवजी जैसे प्रसिद्ध मंदिरों के लिए पर्याप्त बजट नहीं दिया गया.
इस बयान पर घिर गए थे जूली
उन्होंने कहा था, "IIFA पर करदाताओं का पैसा खर्च किया गया, जिससे पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिला. सरकार इसे बड़ा आयोजन बताने में जुटी है, लेकिन हकीकत यह है कि इसमें शाहरुख खान के अलावा कोई फर्स्ट ग्रेड का कलाकार नहीं आया. माधुरी दीक्षित अब फर्स्ट ग्रेड की अभिनेत्री नहीं हैं, वे कभी लोकप्रिय थीं." इसके बाद माधुरी दीक्षित पर टीकाराम के बयान पर बवाल शुरू हो गया और बीजेपी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरने की कोशिश की.
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