Rajasthan: राजस्थान के कोटा जिले से गुजरती चंद्रलोई नदी में गत दो दिनों में चार मगरमच्छों की मौत से वन्यजीव कार्यकर्ताओं की चिंता बढ़ गई है. उन्होंने इन मौतों के लिए नदी में 'उच्च स्तर के प्रदूषण' को कारण बताया है. अधिकारियों ने बताया कि मगरमच्छों को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची-1-सी में सूचीबद्ध किया गया है.
मगरमच्छ के शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं थे
पशु चिकित्सकों ने 15 वर्षीय एक मादा मगरमच्छ की मौत के पीछे संदिग्ध जहर को जिम्मेदार ठहराया है. बुधवार को यहां उसका पोस्टमार्टम किया गया. उन्होंने बताया कि मादा मगरमच्छ के शरीर पर किसी भी आंतरिक या शारीरिक चोट या बीमारी का कोई संकेत नहीं मिला.
सात फुट लंबी मादा मगरमच्छ के अवशेष बरामद किया था
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को चंद्रशेल मठ के पास रामखेड़ी गांव में चंबल नदी की सहायक नदी से लगभग सात फुट लंबी मादा मगरमच्छ के अवशेष को बरामद किया गया था. अधिकारियों ने बताया कि शनिवार और रविवार को इसी स्थान पर तीन अन्य मगरमच्छों के अवशेष पाए गए थे, जिनमें से दो की उम्र 10 और एक की उम्र नौ साल थी.