
Rajasthan News: राजस्थान में बच्चों के आत्महत्या के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे. ताजा मामला दौसा जिले के बांदीकुई से सामने आया है, जहां 17 साल की छात्रा आकांक्षा मीना ने गुरुवार दोपहर अपने घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. इस दुखद घटना ने परिवार और आसपास के लोगों को झकझोर कर रख दिया.
चुन्नी से बनाया फंदा
पुलिस के अनुसार, आकांक्षा ने बांदीकुई के मोतीनगर स्थित अपने घर में पंखे के हुक पर चुन्नी से फंदा लगाया. वह मकान के पीछे वाले कमरे में गई और वहां यह कदम उठाया. परिजनों ने बताया कि वह घर में पढ़ाई कर रही थी.
काफी देर तक नजर न आने पर परिजनों ने उसे ढूंढा तो वह कमरे में लटकी मिली. आनन-फानन में उसे फंदे से उतारकर उपजिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
क्या 12वीं में सप्लीमेंट्री थी वजह?
आकांक्षा 12वीं कक्षा (सीबीएसई बोर्ड) की साइंस-मैथ्स की छात्रा थी. हाल ही में आए परीक्षा परिणाम में वह केमिस्ट्री में सप्लीमेंट्री आई थी. वह अलवर में अपनी बुआ के घर रहकर पढ़ाई करती थी और छुट्टियों के लिए अपने घर बांदीकुई आई थी. परिजनों के मुताबिक, वह सप्लीमेंट्री की तैयारी कर रही थी, लेकिन आत्महत्या का सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
परिवार का हाल बेहाल, पिता हैं शिक्षक
आकांक्षा के पिता महेशचंद मीना राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल अक्षयपुरी में हिंदी के व्याख्याता हैं. आकांक्षा उनकी तीन बेटियों में सबसे बड़ी थी. इस घटना के बाद परिवार सदमे में है. पिता ने बताया कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि आकांक्षा ने ऐसा कदम क्यों उठाया.
पुलिस कर रही जांच
बांदीकुई थाने की पुलिस ने बताया कि हमने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली और शव को कब्जे में लिया. आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए जांच जारी है. यह घटना समाज में बढ़ते मानसिक दबाव और बच्चों पर पढ़ाई के तनाव जैसे गंभीर मुद्दों की ओर इशारा करती है.