
Rajasthan News: राजस्थान में दौसा जिले के महिला चिकित्सालय में नवजात बदलने का एक अजीब मामला सामने आया है. जिसमें प्रसूता के परिजनों ने हंगामा करते हुए अस्पताल प्रशासन पर बच्चा बदलने आरोप लगाते हुए काफी देर तक हंगामा किया. जिसकी सूचना पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जानकारी ली. इसके बाद पुलिस ने परिजनों से समझाइश की और अब प्रसूता के परिजन DNA टेस्ट कराने पर राजी हुए हैं.
'अब पता नहीं छोरा था या छोरी थी'
जानकारी के अनुसार, डोलिका गांव की निवासी को अस्पताल में प्रसव पीड़ा के चलते भर्ती कराया गया. जहां प्रसूता ने नवजात को जन्म दिया है. प्रसूता प्रियंका पत्नी विष्णु पांचाल की मां कैलाशी देवी ने अस्पताल प्रशासन पर बच्चा बदलने का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा किया. कैलाशी देवी का कहना है कि डिलीवरी के बाद अस्पताल स्टाफ ने नवजात के लिए कपड़े मंगवाए गए थे. फिर बोला कि ओनाल (प्लेसेंटा ) लेकर जाओगे या नहीं.
जिसके बाद महिला का कहना था. ओनाल बच्चे की होती बच्ची की नहीं दी जाती है. जब कपड़े लेने जब बाहर गए तो अस्पताल प्रशासन ने छोरे की जगह छोरी कर दी अब पता नहीं छोरा था या छोरी थी. लेकिन अब छोरी कर दी अब महिला कैलाशी ने DNA जांच की मांग की है. जिसपर अस्पताल प्रशासन ने DNA टेस्ट करवाने की बात कही है.
डीएनए टेस्ट रिपोर्ट आने पर होगा खुलासा
जिला अस्पताल के पीएमओ डाक्टर आरके मीणा ने कहा कि नवजात बदलने के मामला कंफ्यूज हुआ है. प्रसूता के परिजन के कंफ्यूज हुआ. स्टाफ को कंफ्यूज नहीं है. अस्पताल के स्टाफ को पता है किसके मेल हुआ किसके फीमेल हुआ है. डा. मीणा ने बताया कि आगे पीछे दो डिलेवरी हुई थी. जिसमें एक डिलीवरी में मेल चाइल्ड हुआ था.
वहीं दूसरी डिलीवरी में फीमेल चाइल्ड हुआ था. बच्चों को रिस्फट कर रहे थे. प्रसूता के साथ अटेंडेंट को कंफ्यूज हुआ कि मेल चाइल्ड हुआ. वहीं स्टाफ को क्लियर है, किसके मेल हुआ है किसके फीमेल हुआ है. डॉक्टर आरके मीणा का कहना है कि दोनों बच्चों को भर्ती कर लिया है. डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा. जिसकी रिपोर्ट जयपुर से आने के बाद ही पूरे मामले का खुलासा होगा.
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