Ganga Dussehra 2024: ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2024) मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं. इस पर्व को लेकर धौलपुर जिले के धार्मिक स्थलों पर आस्था की लहर उमड़ पड़ी. इस अवसर पर धौलपुर (Dholpur) जिले के ऐतिहासिक तीर्थराज मचकुंड ( Tirthraj Machkund) पर सुबह से ही श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगानी शुरू कर दी. स्नान के बाद लोगों ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर दान-पुण्य किया. इसके साथ ही तीर्थराज मचकुंड पर पहुंचे श्रद्धालुओं ने भगवान से पूजा-अर्चना कर अपने परिवार के लिए सुख-समृद्धि और मोक्ष की कामना की.
मां गंगा स्वर्ग से धरती पर थी आईं
इस अवसर पर मौजूद तीर्थराज मचकुंड के महंत कृष्णदास ने बताया कि हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व है. इस दिन विधि- विधान से मां गंगा की पूजा अर्चना की जाती हैं और हर साल यह त्योहार जेष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मनाया जाता है जो इस बार 16 जून को मनाया जा रहा है. इस दिन स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 04:03 बजे से 04:43 बजे तक रहेगा. आप घर पर ही पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं और दान भी कर सकते हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर आई थी. मां गंगा के आशीर्वाद से मानव जाति के समूचे पापों का विनाश होता है। गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करने से संपूर्ण पापों का विनाश होता है.
फल सत्तू और धन के दान का विशेष महत्व
आगे महंत कृष्णदास ने कहा कि धर्म शास्त्रों में दान का विशेष महत्व है. सनातन धर्म के लोगों को गंगा दशहरा के दिन दान करना चाहिए. दान करने से परिवार में सुख-समृद्धि और धन-संपत्ति बढ़ती है,इस दिन जरूरतमंद लोगों को फल, सत्तू, पैसे और कपड़े दान करने चाहिए. इससे मां गंगा प्रसन्न होती हैं.
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