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Rajasthan: जिस स्कूल को प्रशासन ने किया नजरअंदाज, शिक्षकों और ग्रामीणों ने बदल दी तस्वीर, अब पीएम श्री योजना में शामिल

Rajasthan: डीडवाना के निम्बी खुर्द गांव के सरकारी स्कूल की बिगड़ती हालत पर प्रशासन ने आंखें मूंद रखी थीं, लेकिन शिक्षकों और ग्रामीणों के प्रयासों से इसकी तस्वीर बदल गई है और इसे पीएम श्री योजना में शामिल किया गया है.

Rajasthan: जिस स्कूल को प्रशासन ने किया नजरअंदाज, शिक्षकों और ग्रामीणों ने बदल दी तस्वीर, अब पीएम श्री योजना में शामिल
निंबी खुर्द का सरकारी स्कूल

Didwana News: कहते हैं मेहनत का फल जरूर मिलता है. और अगर कोई सच्ची लगन से कुछ करने की ठान ले तो उसे सफलता जरूर मिलती है. इसका एक उदाहरण डीडवाना के गांव निम्बी खुर्द के सरकारी स्कूल में देखने को मिला. स्कूल की बिगड़ती हालत को लेकर प्रशासन ने आंखें मूंद रखी थीं, लेकिन क्षेत्र के शिक्षकों और ग्रामीणों ने भामाशहों  की मदद से सरकारी स्कूल की सूरत बदल दी.

 पीएम श्री योजना में हुआ शामिल

शिक्षकों से प्रेरित होकर समाजसेवियों ने स्कूल के विकास के लिए करीब 60 लाख रुपए का योगदान दिया. इससे न सिर्फ स्कूल का बुनियादी ढांचा मजबूत हुआ बल्कि छात्रों के लिए शैक्षणिक माहौल भी बेहतर हुआ. इस सराहनीय कदम की वजह से अब स्कूल को मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम श्री योजना में शामिल कर लिया गया है, जिसके बाद स्कूल के विकास में नए आयाम स्थापित होंगे.

झूले पर झूलते बच्चे

झूले पर झूलते बच्चे
Photo Credit: NDTV

 गांव के हर व्यक्ति ने की आर्थिक मदद

लोगों ने बताया कि गांव के हर व्यक्ति ने स्कूल के विकास के लिए आर्थिक मदद दी. जिसके चलते स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए नए कमरे, पुराने भवन का जीर्णोद्धार, लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय, नई रसोई, पानी की टंकी और टीन शेड का निर्माण भी करवाया गया है. स्कूल में आधुनिक सुविधाओं से लैस भवनों के साथ-साथ हजारों पुस्तकों से सुसज्जित लाइब्रेरी भी बनाई गई है, जिसमें स्मार्ट क्लास, विज्ञान प्रयोगशाला और कंप्यूटर लैब भी मौजूद है, जहां बच्चों को आधुनिक तकनीक की शिक्षा मिल रही है.

 नए कमरों में बैठकर पढ़ते हुए छात्र

नए कमरों में बैठकर पढ़ते हुए छात्र
Photo Credit: NDTV

आधुनिक सुविधाओं से लैस हुआ स्कूल 

बच्चों को खेलों में पारंगत बनाने के लिए स्कूल में इनडोर खेल स्टेडियम और झूलों के साथ बाल वाटिका का निर्माण किया गया है. आधुनिक भवन, सभी सुविधाओं से सुसज्जित संसाधन उपलब्ध होने के बाद अब यह स्कूल किसी निजी स्कूल जैसा नजर आता है. पूरे स्कूल के चारों ओर पक्की बाउंड्रीवाल बनाई गई है, जिस पर जगह-जगह खूबसूरत वॉल पेंटिंग बनाई गई हैं. इन पेंटिंग के जरिए बच्चों को शिक्षा और सामाजिक संदेश देने की कोशिश की गई है. इसके अलावा महापुरुषों के जरिए सिखाई और बताई गई महत्वपूर्ण बातें और नारे भी इन पर उकेरे गए हैं.

 80% से ज्यादा आबादी दलित और पिछड़े वर्ग की

संस्था प्रधान इलियास खान बताते हैं कि निम्बी खुर्द गांव की 80% से ज्यादा आबादी दलित और पिछड़े समुदाय की है. इस स्कूल में 350 से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं. 2016 में जब यह माध्यमिक विद्यालय बना तो पहले ही साल सभी छात्र प्रथम श्रेणी में पास हुए. उस बैच के छात्रों में से फिलहाल तीन एमबीबीएस कर रहे हैं और कुछ प्रशासनिक सेवाओं की पढ़ाई कर रहे हैं.

 60 लाख रुपये के विकास से बदली स्कूल की तस्वीर

पढ़ाई के प्रति छात्रों के उत्साह को देखते हुए स्कूल के शिक्षकों की टीम ने इसके विकास का जिम्मा उठाया और पिछले चार सालों में दानवीरों से करीब 60 लाख रुपये के विकास कार्य करवाकर एक कीर्तिमान स्थापित किया है. जिसके बाद इस स्कूल को प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया यानी पीएम श्री योजना में चुना गया है. यह भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है.  इसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और बुनियादी ढांचे में सुधार करना है. इस योजना से स्कूल में नई लाइब्रेरी और नई बिल्डिंग का निर्माण होगा, वहीं बच्चों के कौशल विकास के लिए संसाधन भी मुहैया कराए जाएंगे.

स्कूल का नामांकन लगा है बढ़ने

अब नए स्कूल भवन के निर्माण, लाइब्रेरी और कंप्यूटर लैब तथा अन्य सह पाठयक्रम गतिविधियों के लिए सभी संसाधन उपलब्ध होने से छात्र भी बहुत खुश हैं. इसका परिणाम यह हुआ कि अब स्कूल में नामांकन बढ़ने लगा है. अभिभावक स्वयं अपने बच्चों को निजी स्कूल की बजाय निम्बी खुर्द के सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए भेज रहे हैं.

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