
Social worker took responsibility of daughter's marriage: डीडवाना में चार कन्याओं की शादी का जिम्मा उठाकर राठौड़ परिवार ने मिसाल पेश की. शादी के दौरान कन्यादान में सोने-चांदी के उपहार दिए. दुल्हनों को घरेलू सामान के साथ 50-50 हजार रुपए की एफडी दी. विधायक सहित जन प्रतिनिधियों ने बारातियों का स्वागत किया. बेटियों की शादी ओर विदाई में पूरा गांव उमड़ गया. यह मामला मकराना विधानसभा के ग्राम मामडोली का है. जहां समाजसेवी हिम्मत सिंह राठौड़ ने गांव की ही 4 गरीब कन्याओं की धूमधाम से शादी करवाकर मिसाल पेश की है. सजा-धजा पांडाल, नाचते झूमते सैकड़ों बाराती और उनके स्वागत के खड़ा ग्रामीण, गांव का नजारा कुछ ऐसा ही था.
समाजसेवी पत्नी के साथ बैठे और लड़की का किया कन्यादान
बाबूलाल वैष्णव परिवार की 4 बेटियों यशस्वी का गौरीशंकर के साथ, ममता का घनश्याम के साथ, गायत्री का पवन कुमार के साथ ओर पूजा का मुरारीलाल के साथ विवाह हिन्दू रीति-रिवाज अनुसार हुआ. समाजसेवी हिम्मत सिंह के पुत्र गौरव सिंह खुद पत्नी के साथ एक बेटी के फेरे में बैठे ओर कन्यादान किया. विवाह पर करीब 20 लाख रुपए से अधिक रुपए खर्च हुए.
2 हजारों मेहमानों के लिए हुआ भोज
शादी का पूरा आयोजन भी हिम्मत सिंह के निजी आरामबाग भवन में किया गया. इसके लिए पूरे भवन को लाइटिंग डेकोरेशन से सजाया गया. जैसे ही बारात तोरण के लिए पहुंची तो क्षेत्रीय विधायक जाकिर हुसैन गैसावत समेत पूरे गांव के लोगों ने बारात और मेहमानों की अगवानी की. साथ ही बारातियों सहित 2000 मेहमानों के लिए भोज का भी आयोजन किया गया.
चारों के बेटियों के हाथ पीले कर मिली खुशी- हिम्मत सिंह
इस मौके पर हिम्मत सिंह मामडोली ने कहा, "शास्त्रों में कन्यादान को महादान माना गया है. मेरा सपना था कि मैं जरूरतमन्द कन्याओं की शादी कर उनका घर बसाऊं. ऐसे में वैष्णव परिवार की चार बेटियों के हाथ पीले कर मुझे असली खुशी मिली है." जबकि वैष्णव परिवार के मुखिया बाबूलाल वैष्णव ने राठौड़ परिवार सहित सभी ग्रामीणों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि ऐसा लगा जैसे मेरी बेटी नहीं, बल्कि पूरे गांव की बेटी की शादी है.
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