प्रदेश की गहलोत सरकार इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को निःशुल्क स्मार्टफोन वितरण कर रही थी, जिसको लेकर महिलाओं में खूब उत्साह था, लेकिन प्रदेश में चुनावों की तारीखों का ऐलान होने के बाद आचार संहिता लागू हो गया और आनन-फानन में मोबाइल वितरण कार्यक्रम बंद कर दिया गया. इससे भरतपुर जिले के बयाना कस्बे में स्मार्टफोन वितरण केंद्र में कतार में खड़ी महिलाएं नाराज हो गईं और उन्होंने ट्रैफिक जाम कर दिया.
रिपोर्ट के मुताबिक स्मार्टफोन वितरण सेंटर पर मौजूद अधिकारियों ने आचार संहिता लगने का हवाला देते हुए मोबाइल वितरण नहीं करने की बात कही, लेकिन मोबाइल फोन नहीं मिलने से नाराज महिलाएं सड़क पर बैठ गईं और देखते ही देखते ट्रैफिक रूक गया. बताया जाता है स्थानीय प्रशासन द्वारा महिलाओं को काफी समझाने के बाद जाम खुल सका.
नाराज महिलाओं ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से मोबाइल वितरण में देरी हुई. जब टोकन दे दिए गए तो आचार संहिता का हवाला देते हुए मोबाइल वितरण नहीं करने की बात क्यों कही जा रही है. जानकारी के मुताबिक इंदिरा गांधी स्मार्ट फोन वितरण के दौरान महिलाओं को टोकन बांटने के बावजूद जिम्मदारों द्वारा मोबाइल नहीं किया गया.
मोबाइल फोन नहीं वितरण किए जाने से नाराज महिलाओं में अधिकारियों और सरकार के प्रति काफी आक्रोश देखा गया. हालांकि स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों आश्वस्त किया है कि जिन महिलाओं को टोकन दे दिए गए हैं उनका मोबाइल फोन दिए जाएंगे.
यह भी पढ़ें: Rajasthan Election 2023: राजस्थान में आचार संहिता लागू, तबादलों व नियुक्तियों पर रोक