विज्ञापन

तलाकशुदा मुस्लिम महिला को दहेज में मिला पैसा और तोहफा वापस पाने का हक, सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला तलाकशुदा महिला रौशनारा बेगम के मामले में सुनाया, जिन्होंने अपने पहले पति से दहेज के रूप में प्राप्त सात लाख रुपए और तीस ग्राम सोने की वापसी के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.

तलाकशुदा मुस्लिम महिला को दहेज में मिला पैसा और तोहफा वापस पाने का हक, सुप्रीम कोर्ट का फैसला
फाइल फोटो.

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए कहा कि तलाक पर अधिकारों का संरक्षण एक्ट, 1986 के तहत एक तलाकशुदा मुस्लिम महिला को पिता से मिले दहेज का पैसा और सोना वापस पाने का अधिकार है. रौशनारा बेगम का निकाह 2005 में हुआ था और 2011 में उनका तलाक हो गया था. निकाह के समय महिला के पिता ने दामाद को सात लाख रुपए और तीस ग्राम सोने के गहने दिए थे, जिसकी जानकारी निकाह रजिस्टर में दर्ज थी. हालांकि, कलकत्ता हाईकोर्ट ने काजी और महिला के पिता के बयानों में असंगति का हवाला देते हुए महिला का दावा खारिज कर दिया था.

हाईकोर्ट के फैसले को पलटा 

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए कहा कि निकाह के समय मिले धन और गहनों का संबंध महिला की सुरक्षा और गरिमा से है. अदालत ने इस कानून की व्याख्या महिला के समानता और गरिमा के संवैधानिक अधिकारों के आधार पर की.

 7 लाख और 30 ग्राम सोने का मूल्य बैंक जमा करें   

सुप्रीम कोर्ट ने रौशनारा के पति को सात लाख रुपए और तीस ग्राम सोने का मूल्य सीधे महिला के बैंक खाते में जमा करने का आदेश सुनाया. आदेश का पालन न करने पर पति पर नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज लागू होगा और उसे अदालत में इसके अनुपालन का हलफनामा देना होगा.

सोच को सोशल जस्टिस के आधार पर रखना चाहिए

कोर्ट ने कहा है कि भारत का संविधान सभी के लिए एक उम्मीद यानी बराबरी तय करता है, जो जाहिर है, अभी तक हासिल नहीं हुई. इस मकसद को पूरा करने के लिए कोर्ट को अपनी सोच को सोशल जस्टिस के आधार पर रखना चाहिए. इसे सही संदर्भ में कहें तो 1986 के एक्ट का दायरा और मकसद एक मुस्लिम महिला के तलाक के बाद उसकी इज्जत और वित्तीय सुरक्षा को सुरक्षित करना है, जो भारत के संविधान के आर्टिकल 21 के तहत महिलाओं के अधिकारों के मुताबिक है.

कोर्ट ने कहा कि इसलिए इस एक्ट को बनाते समय बराबरी, इज्जत और आजादी को सबसे ऊपर रखना चाहिए और इसे महिलाओं के अपने अनुभवों को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें: रणथम्भौर की पहाड़ियों पर हो सकेगा खनन, सुप्रीम कोर्ट ने अरावली से माना बाहर

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close