बीते दिनों केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना, महाराष्ट्र और बंगाल के सात शहरों में एक साथ छापेमारी की थी. यह छापेमारी साइबर ठगों के खिलाफ हुई थी. बुधवार को ईडी ने इस छापेमारी में जब्त की गई साम्रगियों का विवरण देते हुए पूरे मामले की जानकारी दी. ईडी ने बताया कि साइबर धोखाधड़ी को लेकर राजस्थान के जोधपुर, झुंझुनू, दिल्ली, गुरुग्राम, हैदराबाद, पुणे व कोलकाता में बीते दिनों हुई कार्रवाई में बड़ी सफलता हाथ लगी है.
दो सीए और एक क्रिप्टो ट्रेडर गिरफ्तार
ईडी की इस कार्रवाई में दो सीए, एक क्रिप्टो ट्रेडर गिरफ्तार हुआ है. साथ ही बड़ी संख्या में खाते फ्रीज किए, इस दौरान दर्जनों पैन कार्ड के साथ-साथ एटीएम कार्ड, बैंक पासबुक, चेकबुक और मोहरे बरामद हुई.
दिल्ली में दर्ज केस में हुई थी छापेमारी
बताया गया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सीबीआई, आर्थिक अपराध शाखा, दिल्ली द्वारा साइबर धोखाधड़ी के संबंध में दर्ज दो एफआईआर के आधार पर राजस्थान के जोधपुर व झुंझुनू के अलावा दिल्ली, गुरुग्राम, हैदराबाद, पुणे व कोलकाता में गत दिनों छापेमारी की थी.
1.36 करोड़ की क्रिप्टो करेंसी जब्त
इस छापेमारी के दौरान 1.36 करोड़ की क्रिप्टो करेंसी और 47 लाख रुपए नकद बरामद किए हैं. ईडी की ओर से बुधवार को बताया गया कि इस कार्रवाई के दौरान दो सीए और क्रिप्टो ट्रेडर को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, छापे के दौरान बड़ी संख्या में पेन कार्ड, एटीएम कार्ड व नकली मोहर भी जब्त की गई है.
13 ठिकानों पर 28 से 30 नवंबर के बीच हुई थी तलाशी
ईडी की ओर से कहा गया है कि कुल 13 परिसरों में 28 से 30 नवंबर तक तलाशी अभियान चलाया गया था. इस दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज, चेक बुक, एटीएम कार्ड, पैन कार्ड, डिजिटल हस्ताक्षर, ट्रस्ट वॉलेट के गुप्त कोड बरामद हुए.
भारत में ठगी का पैसा दुबई में निकाला
ईडी के अनुसार सट्टेबाजी, जुआ, अंशकालिक नौकरियों और फिशिंग घोटालों आदि के माध्यम से अर्जित 640 करोड़ रुपये 5000 से अधिक छद्म भारतीय बैंक खातों के माध्यम से निकाले गए और बाद में यूएई स्थित भुगतान प्लेटफ़ॉर्म "पीवाईवाईपीएल" पर अपलोड किए गए. साइबर धोखाधड़ी के पैसे का एक हिस्सा दुबई में मास्टर/वीजा इंडियन बैंक के एटीएम कार्ड के माध्यम से नकद में निकाला गया.
सीए और सीएस की भी मिलीभगत
ईडी की जांच में कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए), कंपनी सेक्रेटरी (सीएस) और क्रिप्टो ट्रेडर्स के बीच सांठगांठ का पता चला है, जो अपराध से जुटाई गई रकम को सफेद करने के लिए एक व्यवस्थित तरीके से मिलकर काम कर रहे हैं. तलाशी कार्रवाई के दौरान दो चार्टर्ड अकाउंटेंट अजय और विपिन यादव और एक क्रिप्टो ट्रेडर जितेंद्र कासवान को पीएमएलए के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है.
आगे की जांच में बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का पता चला है, जो इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप पर चैट ग्रुप के जरिए विदेश में बैठे हैंडलर्स की मदद से संचालित होता है. हैंडलर्स द्वारा इस ग्रुप अकाउंट पर म्यूल अकाउंट खोलने, कैश सर्कुलेशन और क्रिप्टो की खरीद के बारे में निर्देश दिए जाते हैं.
सैकड़ों बैंक खातों में डेबिट/क्रेडिट ट्रांजेक्शन और क्रिप्टो करेंसी की खरीद का विवरण देने वाले 2000 से अधिक दस्तावेज बरामद किए गए हैं और उनका विश्लेषण किया जा रहा है.
कार्रवाई के दौरान ईडी पर हमला भी हुआ
बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपी सीए अशोक कुमार शर्मा के परिसर में तलाशी कार्रवाई के दौरान ईडी की टीम पर हमला किया गया और परिसर में प्रवेश करने से बलपूर्वक रोका गया. ईडी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने अशोक कुमार शर्मा के भाई राधे श्याम शर्मा नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो फरार है.
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