Rajasthan News: राजस्थान में भीषण गर्मी (Heatwave) के बीच झालावाड़ (Jhalawar) में स्थित कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट (KaTPP) की पहली यूनिट बंद हो गई है. इसके चलते 600 मेगावाट प्रति घंटा का बिजली उत्पादन नहीं हो पा रहा है. जिससे प्रदेश में फिर बिजली संकट खड़ा हो गया है. भीषण गर्मी के कारण प्रदेश में बढ़ी 20 प्रतिशत बिजली मांग की आपूर्ति में पहले ही दिक्कतें आ रही थीं. ऐसे में अब इस यूनिट का बंद होना लोगों के लिए परेशानी भरा साबित हो सकता है.
1.5 लाख यूनिट बिजली की रोजाना कमी
आंकड़ों पर गौर करें तो झालावाड़ जिले में अभी बिजली की मांग 51 लाख यूनिट प्रतिदिन है. जबकि जयपुर डिस्कॉम को करीब 4950 लाख यूनिट बिजली मिल पा रही है. यानी करीब डे़ढ़ लाख यूनिट की आपूर्ति कम हो रही है. इसी का नतीजा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को अघोषित बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. राजस्थान के सीएम भजल लाल शर्मा और ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने भले ही बिजली आपूर्ति को लेकर सख्त निर्देश दिए हों, और महंगी बिजली भी खरीदी जा रही हो, लेकिन सही मायने में अभी तक लोगों को राहत नहीं मिल पाई है.
फैन खराब होने से बंद हुई पहली इकाई
कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट में 600-600 मेगावाट की दो इकाइयां हैं, लेकिन इन दिनों बार-बार यह इकाइयां बंद हो रही हैं. इसी माह दोनों यूनिटों में कई बार ट्रिपिंग आ चुकी है. पहले थर्मल की दूसरी यूनिट ट्यूब लीकेज होने के कारण तीन दिन तक बंद रही थी. अब पहली यूनिट का फैन खराब है. यूनिटों के बार-बार बंद होने से पिछले दिनों सीएमडी भी बैठक लेकर गए थे, लेकिन उसके बाद भी थर्मल की यूनिटों के बंद होने का सिलसिला जारी है. इसी का नतीजा है कि भीषण गर्मी में बिजली की पर्याप्त आपर्ति नहीं हो पा रही है. बार-बार थर्मल पावर प्लांट की इकाइयां हांफने लग रही हैं.
यूनिट बंद होने से तीन चरण में नुकसान
कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की यूनिट बार-बार बंद होने से काफी अधिक नुकसान हो रहा है. सबसे बड़ा नुकसान थर्मल में जब पहली यूनिट से बिजली बनना बंद हो गई है तो इससे 600 मेगावाट प्रति घंटे बनने वाली बिजली का पैसा नहीं मिल पा रहा है. दूसरा नुकसान यहां पर यूनिट को ठीक करने में आने वाले खर्च के रूप में है. जबकि कर्मचारियों का वेतन सहित अन्य खर्च तो थर्मल प्रशासन को वहन करने ही पड़ रहे हैं.
ये भी पढ़ें:- प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी से राजस्थान में गरमाई सियासत, अशोक गहलोत बोले- 'जिस भाषा में...'