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Rajasthan Politics: 'तुमने जितनी इंजीनियरिंग की, उससे ज्यादा रोड मैंने बनवा दिए', अधिकारियों को फटकारते हुए ऊर्जा मंत्री बोले- 'पूरे कुएं में भांग घुली है'

राजस्थान के ऊर्जा मंत्री ने पिछले दिनों अलग-अलग जगह जाकर सड़क निर्माण कार्यों में हो रही लापरवाही को उजागर किया है. बैठक में इसी को लेकर उन्होंने अधिकारियों पर जमकर गुस्सा निकाला है.

Rajasthan Politics: 'तुमने जितनी इंजीनियरिंग की, उससे ज्यादा रोड मैंने बनवा दिए', अधिकारियों को फटकारते हुए ऊर्जा मंत्री बोले- 'पूरे कुएं में भांग घुली है'
ऊर्जामंत्री नागर का एक्शन: खराब सड़कों पर भड़के, बोले- 'पूरे कुएं में भांग घुली है'
X@hlnagar

Rajasthan News: राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर (Heeralal Nagar) बुधवार को कोटा (Kota) की लाडपुरा पंचायत समिति में आयोजित जिला परिषद की बैठक में शामिल हुए. इस दौरान सड़कों की बदहाल स्थिति पर मंत्री का गुस्सा खुलकर सामने आया. उन्होंने न सिर्फ स्कूली शिक्षा और पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर (Madan Dilawar) के सामने अधिकारियों को फटकार लगाई, बल्कि उनसे यह तक कह दिया कि 'तुमने जितनी इंजीनियरिंग की, उससे ज्यादा रोड मैंने बनवा दिए'.

'ठेकेदार से पैसा रिकवर करो, सड़क दोबारा बनाओ'

मंत्री नागर सिर्फ फटकार लगाकर नहीं रुके. उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि अब 'सब चलता है' वाला रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने मौके पर ही कड़े आदेश जारी किए और कहा कि जो भी नई डामर रोड जल्द टूट गई है, उसके लिए जिम्मेदार ठेकेदार से पूरी राशि रिकवर की जाए. इतना ही नहीं, उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सड़क को खुदवाकर दोबारा से गुणवत्तापूर्ण तरीके से बनवाया जाए. 

ऊर्जा मंत्री ने सीएम को लेटर लिखकर की थी बड़ी मांग

हाल ही में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने सीएम भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर 'समसा सिविल विंग' को भंग करने की मांग उठाई थी. साथ ही राजस्थान के स्कूलों में हो रहे निर्माण कार्यों में कई कमियों को उजागर भी किया था. इसके जवाब में मंत्री दिलावर ने यह आश्वासन दिया था कि हीरालाल नागर ने जो भी बिंदु उठाए हैं, उनकी गंभीरता से जांच कराई जा रही है. और यदि निर्माण की गुणवत्ता में कोई कमी पाई जाती है या ठेकों के वितरण में गड़बड़ी होती है, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

'भविष्य में गुणवत्ता से नहीं होगा कोई समझौता'

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अपने जवाब में यह माना था कि विभाग में इंजीनियर्स की भारी कमी है, क्योंकि राज्य के पास अपना इंजीनियरिंग कैडर नहीं है और अधिकांश इंजीनियर डेपुटेशन पर आते हैं. इस कमी को दूर करने के लिए, उन्होंने बताया कि भविष्य में पीडब्ल्यूडी (PWD) और अन्य सरकारी एजेंसियों से अनुभवी इंजीनियरों को लेकर ही विद्यालय निर्माण और मरम्मत कार्य कराए जाएंगे, ताकि गुणवत्ता से कोई समझौता न हो.

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