
Rajasthan News: सोमवार को कोटा के केडीए सभागार में पीकेसी-ईआरसीपी (राम जल सेतु लिंक परियोजना) की समीक्षा बैठक हुई. इस बैठक में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और बैठक में ऊर्जा मंत्री श्री हीरालाल नागर समेत कई लोग शामिल है. बैठक के दौरान स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि परियोजना से कोटा-बून्दी सहित राजस्थान के अनेक जिलों में जल संकट का समाधान होगा. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजना से जुड़े सभी निर्माण कार्यों को तेज़ी से और समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए. ताकि पेयजल, सिंचाई और औद्योगिक उपयोग के लिए पानी की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित हो सके.
नहरों और माइनरों पर खर्च होंगे 2300 करोड़ रुपये
स्पीकर बिरला ने कहा कि यह परियोजना न केवल हाड़ौती संभाग, बल्कि राज्य के कई जिलों के लिए जीवनदायिनी सिद्ध होगी. कोटा बैराज की दायीं व बायीं मुख्य नहरों और माइनरों को पक्का करने पर 2300 करोड़ रूपये खर्च होंगे, जिससे टेल तक पानी पहुंच सकेगा. सांगोद, लाडपुरा, करवर और रामगंजमंडी जैसे क्षेत्र जो अब तक सिंचाई से वंचित थे, उन्हें भी इस परियोजना में शामिल किया गया है.
परियोजना में इन बैराज का निर्माण प्रस्तावित
बैठक में लोकसभा अध्यक्ष ने कोटा और बूंदी जिले में बनने वाले बैराज, बांध, फीडर और कृत्रिम जलाशयों के निर्माण की प्रगति की जानकारी ली और इन कार्यों में गति लाने के निर्देश दिए. परियोजना में कूल, पार्वती, कालीसिंध, मेज और बनास नदियों पर रामगढ़, महलपुर, नवनेरा, मेज और नीमोद राठौड़ बैराज का निर्माण प्रस्तावित है. इसके अलावा ईसरदा और डंगरी में बांध तथा अजमेर और अलवर में कृत्रिम जलाशय बनेंगे. बीसलपुर बांध की जल क्षमता भी 0.50 मीटर बढ़ाई जाएगी.
कोटा में कालीसिंध नदी पर नवनेरा बैराज का काम पूरा हो चुका है. यहां से पानी के इस्तेमाल के लिए नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक परियोजना के तीन चरणों में कार्य किया जा रहा है. पैकेज-1 में रामगढ़, महलपुर बैराज और नवनेरा पंप हाउस, पैकेज-2 में डिलीवरी सिस्टम से मेज एनीकट तक फीडर और चंबल नदी पार करने हेतु एक्वाडक्ट का निर्माण और पैकेज-3 में मेज एनीकट पर इंटेक, पंप हाउस और फीडर तंत्र का कार्य शामिल है.