
Madhya Pradesh CM Mohan Yadav on PC project: पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) परियोजना पर वर्षों से राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच चल रहा विवाद सुलझने से काफी राहत है. प्रदेशवासियों के लिए पेयजल और सिंचाई का संकट खत्म होने की संभावना है. यह परियोजना जल्द ही मूर्त रूप लेगी. इसे लेकर मथ्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने बयान दिया है कि पीकेसी परियोजना (PKC Project) को लेकर मध्य प्रदेश और राजस्थान (Rajasthan) में 20 वर्षों से विवाद चल रहा था. अब विवाद समाप्त हो गया है और परियोजना मूर्त रूप ले रही है. यह बात उन्होंने गुरुवार (20 मार्च) को नर्मदा-क्षिप्रा माइक्रो बहुउद्देशीय परियोजना के लोकार्पण के दौरान कही.
अगले 7-8 साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार, 17 दिसंबर 2024 को राजस्थान में पानी की कमी को दूर करने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास किया था. इस परियोजना का नाम पार्वती-कालसिंध-चंबल-ईआरसीपी (PKC-ERCP) है. माना जा रहा है कि यह प्रोजेक्ट अगले 7-8 वर्ष में पूरा हो जाएगा.
राजस्थान के 21 और एमपी के 15 जिलों को मिलेगा लाभ
28 जनवरी 2024 को केंद्र सरकार की पार्बती-कालीसिंध-चंबल (PKC) और राजस्थान सरकार की (ERCP) परियोजना को एकीकृत कर दिया गया. इस सहमति पत्र पर या एमओयू पर दिल्ली में केंद्र सरकार के मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की उपस्थिति में हस्ताक्षर हुए. इस परियोजना से राजस्थान के 21 और मध्य प्रदेश के 15 जिलों को इस महत्वाकांक्षी परियोजना का लाभ मिलेगा.
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