
Rajasthan: प्रदेश में शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा चार के अंग्रेजी विषय की पाठ्यपुस्तक से मानगढ़ धाम से संबंधित पाठ को हटाए जाने पर गुरुवार को प्रतापगढ़ में भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा की ओर से जोरदार प्रदर्शन किया गया और नारेबाजी करते हुए शिक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया गया. मोर्चे की ओर से राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर इस पाठ को पुनः पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की गई.
अब इस मामले में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ''राजस्थान में जब से भाजपा की सरकार बनी है, तब से हमारे महापुरुषों, भारत के इतिहास, हमारी सांस्कृतिक धरोहर और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान की अस्मिता के साथ लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है.
'कालीबाई के बलिदान को पाठ्यक्रम से हटाया गया''
उन्होंने लिखा,'' पहले आदिवासी महिला की प्रेरणादायी गाथा कालीबाई के बलिदान को पाठ्यक्रम से हटाया गया, जिन्होंने शिक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. ज्योतिबा फुले जैसे महापुरुष का अपमान किया गया, जिन्होंने जातिवाद, छुआछूत और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ़ लड़ाई लड़ी, उनके अध्याय को राजस्थान विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान से हटाया गया. फिर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम से बौद्ध और जैन दर्शन को भी हटाया गया जो गहरी चिंता का विषय है.
''घृणित मानसिकता और नफ़रत भरी सोच का प्रमाण''
जूली ने आगे कहा,'' अब चौथी की पाठ्यपुस्तक से मानगढ़ धाम का नाम मिटा दिया है, जहाँ 2500 से अधिक आदिवासी वीरों ने गोलियाँ खाकर शहादत दी, उनकी गाथा को कुचलने का काम किया गया है. यह भाजपा सरकार की आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों के प्रति घृणित मानसिकता और नफ़रत भरी सोच का प्रमाण है.
इतिहास से छेड़छाड़, शहादत का अपमान और समाज के कमजोर वर्गों को हाशिये पर धकेलना ही भाजपा की असली नीति और नीयत है. इन कृत्यों के लिए भाजपा को माफी माँगनी चाहिए एवं महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को अविलंब पाठ्यक्रम में जोड़ना चाहिए.
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