
Rajasthan Factories Amendment Bill 2025: राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में गुरुवार को विपक्षी हंगामे के बीच कारखाना संशोधन विधेयक 2025 पारित किया गया. कांग्रेस विधायक अतिवृष्टि से फसलों की खराबी पर चर्चा की मांग कर रहे थे और इसको लेकर वेल में नारेबाजी कर रहे थे. लेकिन इसी दौरान श्रम मंत्री सुमित गोदारा ने यह विधेयक पेश किया. चर्चा के बाद बिल को सदन में पारित भी कर दिया गया. सरकार का कहना है कि नए संशोधन से श्रमिकों को लाभ मिलेगा. काम के घंटों में रियायत दी गई है और श्रमिक संगठनों के साथ हुई बैठकों से मिले सुझावों को शामिल किया गया है. मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि यह कदम मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूती देने और रोजगार सृजन के लिए अहम है.
विपक्षी हंगामे के बीच सरकार ने कारखाना (संशोधन) विधेयक 2025 सदन में पेश किया. कांग्रेस के विधायक इस दौरान अतिवृष्टि से फसलों की खराबी पर चर्चा की मांग पर अड़े थे. गहमागहमी के बीच ही यह बिल पटल पर रखा गया और फिर चर्चा के बाद पारित कर दिया गया.
कारखाना संशोधन विधेयक में क्या होगा नया प्रावधान
गोदारा ने कहा कि कारखाना (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2025 के अनुसार कारखानों में सप्ताह में अधिकतम काम करने की अवधि को बढ़ाया गया है, जिससे उत्पादन और उत्पादकता बढ़ेगी, राज्य में निवेश और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे. विधेयक से बिना अंतराल के श्रम के प्रावधान को लचीला बनाया गया है ताकि श्रमिक इस बचे हुए समय को अपने घर-परिवार को दे सकेंगे. साथ ही, अब मजदूर बिना अंतराल के 6 घंटे तक कारखाने में काम कर सकेंगे. साथ ही, श्रमिक प्रतिदिन कारखानों में 10:30 घंटे तक उपस्थित रह सकेंगे. श्रमिक 75 घंटे के स्थान पर 144 घंटे प्रति तिमाही ओवरटाइम कर सकेंगे. इससे श्रमिक को कई फायदे मिलेंगे. इससे प्रदेश में बाहर से आए श्रमिकों को भी लाभ मिलेगा.
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री ने कहा कि अब महिलाएं स्वयं की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए रात्रि में भी कार्य कर सकेंगी. इसके लिए उनकी लिखित सहमति आवश्यक की गई है. इससे महिला श्रम की भागीदारी बढ़ेगी और महिला सशक्तीकरण का मार्ग प्रशस्त होगा.
गोदारा ने बताया कि कारखाना अधिनियम 1948 में किए गए संशोधन श्रमिक संगठनों के साथ जून, 2025 में आयोजित बैठक में आए सुझावों के अनुरूप किए गए हैं. यह विधेयक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने वाला है.
फसल पर चर्चा के बजाए उद्योग बिल पारित किया जा रहा
वहीं विपक्ष का कहना है कि सरकार किसानों के मुद्दे को नजरअंदाज कर रही है. कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि अतिवृष्टि से तबाह हुई फसलों पर चर्चा की बजाय सरकार उद्योगों से जुड़े बिल पारित करने में व्यस्त है.
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