Farmers Protest: पंजाब और हरियाणा के किसान अब भी दिल्ली कूच करने के लिए डटे हैं. वहीं, अब राजस्थान के किसानों का भी सब्र का बांध टूट रहा है. न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर किसान काफी समय से आंदोलन कर रहे हैं. वहीं जैसे-जैसे समय बीत रहा है दूसरे राज्यों के किसानों के भी सब्र के बांध टूट रहे हैं. अब राजस्थान के किसान भी दिल्ली कूच करने को तैयार है. इसके तहत किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने ऐलान किया है कि किसान 500 से अधिक ट्रैक्टरों के साथ कूच करने की तैयारी कर चुके हैं.
किसानों सहना पड़ रह है घाटा
उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के गारंटी के कानून के अभाव में किसानों को अपनी सरसों जैसी उपजें, सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दामों पर बेचने को विवश होना पड़ रहा है. पिछले एक माह से सरसों 650 से लेकर 1400 रुपए प्रति क्विंटल घाटे में बेचनी पड़ रही है. इसी प्रकार मूंगों में भी दो से ढाई हजार रुपए प्रति क्विंटल का घाटा उठाना पड़ा था. इस घाटे से बचने के लिए देश के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्राप्ति के लिए खरीद के गारंटी का कानून बनवाने हेतु घर बार एवं खेती की कमाई छोड़कर लड़ाई के लिए सड़कों पर उतरने को विवश है.
किसानों को धमका रहे हैं पुलिस-प्रशासन
इसके लिए 500 से अधिक ट्रैक्टरों के कूच करने की तैयारी अजमेर एवं दूदू जिलों में पूर्ण हो चुकी है. गांव-गांव में जागरूक किसान प्रतिनिधियों ने घर - घर पहुंच कर किसानों को जागरूक करना आरंभ किया है. जबकि पुलिस प्रशासन ने भी कई गांवों में पहुंचकर किसानों को रोकने के लिए डराना, धमकाना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं तो किसान प्रतिनिधियों को थानों में बुलाकर भी ट्रैक्टर कूच को रोकने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. इस संबंध में पुलिस महानिदेशक, मुख्यसचिव एवं मुख्यमंत्री के निवासों पर पहुंच कर किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट की ओर से ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं. जिसमें सत्य, शांति एवं अहिंसा के आधार पर होने वाले ट्रैक्टर कूच के आयोजन में सहयोग की विनती की गई है.
पिछले 44 वर्षों की अवधि में होने वाले आंदोलन शांतिपूर्ण ही रहे हैं. इस प्रकार के शांतिपूर्ण आंदोलनों को दमन के आधार पर रोकना भारतीय संविधान की भावनाओं को आहत करने वाला एवं लोकतंत्र को कुचलनें वाला है . इसलिए लोकतंत्र को बचाते हुए फसलों के उन दामों की प्राप्ति हेतु, जिन्हें सरकार न्यूनतम दामों के रूप में घोषित करतीं हैं, किसानों ने भी ट्रैक्टर कूच को सफल करने के लिए कमर कसी हुई है.
यह कूच अजमेर एवं दूदू ज़िले की सीमा से लगे राष्ट्रीय राजमार्ग से जयपुर तक पहुंचेगा. सरकार ने फसलों के दाम के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून नहीं बनाया तों यह कूच दिल्ली की और बढ़ेगा.
यह भी पढ़ेंः Petrol Pump Strike: पेट्रोल पंप हड़ताल पर गहलोत ने सीएम भजनलाल शर्मा को घेरा, बोले, 'गारंटी का क्या हुआ?'