
Rajasthan Woman Teacher Arrest: राजस्थान में सरकारी नौकरी को लेकर फर्जीवाड़े का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. हाल में हुए विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी के लिए हुए परीक्षाओं के बाद नियुक्ति पा चुके उम्मीदवारों के दस्तावेज चेक किये जा रहे हैं. जिसमें कई उम्मीदवारों के साथ फर्जी दस्तावेज का मामला सामने आ रहा है. इतना ही नहीं एक मामला विधायक के बेटी की नौकरी को लेकर भी फर्जी दस्तावेज का आरोप लगाया गया है, जिसकी जांच की जा रही है. लेकिन यह मामले तो हाल के वर्षों में हुई नियुक्तियों पर है. लेकिन एक ऐसा भी मामला सामने आया है, जिसमें 20 साल की नौकरी के बाद फर्जी दस्तावेज के जरिए नियुक्ति का मामला सामने आया है.
दरअसल, एक विधवा महिला 20 सालों से शिक्षक पद पर नौकरी कर रही थी. लेकिन अब शिक्षा विभाग को महिला शिक्षक की फर्जी दस्तावेज की शिकायत मिली, वहीं मामले की जांच हुई तो दस्तावेज फर्जी पाए गए. जिसके बाद पुलिस ने महिला शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है.
फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए पाई नियुक्ति
मामला राजस्थान के धौलपुर का है. जहां कूटरचित तरीके से फर्जी दस्तावेज तैयार कर विधवा कोटे से 20 साल से नौकरी कर रही एक शिक्षिका को जिले की राजाखेड़ा थाना पुलिस ने सोमवार (15 सितंबर) को गिरफ्तार किया है. शिक्षा विभाग की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था. राजाखेड़ा थाना प्रभारी रामकिशन यादव ने बताया 24 फरवरी 2025 को मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने स्थानीय पुलिस थाने पर सरकारी स्कूल में तैनात शिक्षिका 48 वर्षीय मोनी देवी पत्नी सोवरन सिंह के खिलाफ फर्जकारी का आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया था. शिक्षक यूपी की रहने वाली है, जो अभी रोहाई मोहल्ला राजाखेड़ा में रह रही है. उसके खिलाफ रिपोर्ट में आरोप था कि शिक्षिका ने कक्षा 10th एवं 12th की फर्जी अंक तालिका लगाकर सरकारी नौकरी हासिल की है.
वेरिफिकेशन माध्यमिक शिक्षा परिषद मेरठ से कराया गया
मामले की गंभीरता को देख जांच पड़ताल शुरू की गई. थाना प्रभारी यादव ने बताया मोनी देवी ने इंटर कॉलेज जैंगारा जिला आगरा से कक्षा 10th एवं 12th की अंक तालिका हासिल की थी. उन्होंने बताया दोनों अंक तालिकाओं का वेरिफिकेशन माध्यमिक शिक्षा परिषद मेरठ से कराया गया तो मामला फर्जकरी का पाया गया. माध्यमिक शिक्षा परिषद मेरठ में किसी भी प्रकार का रिकार्ड नहीं पाया गया. उन्होंने बताया सोमवार को अनुसंधान के बाद शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया है. 20 वर्ष की नौकरी की अवधि में शिक्षिका सरकार से लाखों रुपए का वेतन प्राप्त कर चुकी है. जांच के बाद कोर्ट पेश किया जाएगा.
विधवा कोटे से हुई भर्ती
थाना प्रभारी रामकिशन यादव ने बताया शिक्षिका मोनीदेवी के पति सोबरन सिंह की वर्ष 2001 में मौत हो गई थी. पति की मौत हो जाने के बाद शिक्षिका ने 10th और 12th की फर्जी अंक तालिका प्राप्त कर ली. इसके बाद शिक्षिका ने विधवा कोटे से तृतीय श्रेणी शिक्षक पद के लिए आवेदन किया था. वर्ष 2005 में मोनीदेवी की तृतीय श्रेणी शिक्षक के पद पर नियुक्ति हुई थी.
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