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Vikram Bhatt Case Update: फिल्म निर्माता विक्रम भट्ट और पत्नी श्वेतांबरी को 7 दिन की रिमांड, 30 करोड़ के बायोपिक घोटाले में अब खुलेगा राज!

Vikram Bhatt and Wife Arrested in ₹30 Crore Fraud Case: राजस्थान के 30 करोड़ के बायोपिक घोटाले में आरोपी फिल्म निर्माता विक्रम भट्ट और पत्नी श्वेतांबरी भट्ट को उदयपुर कोर्ट ने 7 दिन की रिमांड पर भेज दिया है. पुलिस अब नकली वेंडर बिल और पूरे वित्तीय नेटवर्क की जांच करेगी.

Vikram Bhatt Case Update: फिल्म निर्माता विक्रम भट्ट और पत्नी श्वेतांबरी को 7 दिन की रिमांड, 30 करोड़ के बायोपिक घोटाले में अब खुलेगा राज!
उदयपुर कोर्ट का बड़ा फैसला, 7 दिन की रिमांड पर भेजे गए फिल्म निर्माता विक्रम भट्ट-श्वेतांबरी
NDTV Reporter

Rajasthan News: बॉलीवुड के गलियारों से जुड़ा एक हाई-प्रोफाइल वित्तीय धोखाधड़ी का मामला आज राजस्थान की उदयपुर अदालत में एक निर्णायक मोड़ पर आ गया. बहुचर्चित बायोपिक घोटाले में आरोपी फिल्म निर्माता विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट को उदयपुर पुलिस ने मंगलवार को कोर्ट में पेश किया, जहां अदालत ने दोनों को 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. 

₹30 करोड़ की कथित हेराफेरी

यह मामला 30 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी से जुड़ा है. पुलिस अब इन 7 दिनों की रिमांड में नकली वेंडर बिल, फर्जी दस्तावेज और बड़े वित्तीय लेन-देन के पूरे 'पेमेंट ट्रेल' की गहन पूछताछ करेगी. उदयपुर पुलिस ने इस दंपति को लुकआउट नोटिस जारी होने के बाद मुंबई से ट्रांजिट रिमांड पर उदयपुर लाई थी.

बायोपिक बनाने का किया था वादा

इस पूरे मामले की शिकायत इंदिरा ग्रुप ऑफ कंपनीज़ के संस्थापक और उदयपुर निवासी डॉ. अजय मुर्डिया ने भूपालपुरा थाने में दर्ज कराई थी. एफआईआर के अनुसार, विक्रम भट्ट दंपति पर डॉ. मुर्डिया की दिवंगत पत्नी पर बायोपिक बनाने के नाम पर उन्हें भारी मुनाफे का प्रलोभन देने का आरोप है. कथित तौर पर आरोपियों ने बायोपिक से ₹200 करोड़ तक की कमाई का झूठा दावा किया था. शुरुआती ट्रांजैक्शन के बाद, बायोपिक प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ा और कुल मिलाकर ₹30 करोड़ की रकम का कथित दुरुपयोग हुआ. इस एफआईआर में विक्रम भट्ट, उनकी पत्नी श्वेतांबरी सहित कुल आठ नाम शामिल हैं.

जांच अधिकारी डीएसपी छगन पुरोहित ने इस केस की गंभीरता को देखते हुए सोमवार देर रात ही दंपति को मुंबई से उदयपुर लाए और उन्हें चित्रकूट नगर स्थित महिला थाने में रखा गया था.

नकली बिल और फर्जी दस्तावेज

उदयपुर पुलिस की जांच टीम के मुताबिक, प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि इस 30 करोड़ की रकम को निकालने के लिए नकली वेंडर बिल, फर्जी दस्तावेज और वाउचर का इस्तेमाल किया गया था. पुलिस ने इससे पहले इस मामले में सह-निर्माता महबूब अंसारी और वेंडर संदीप विश्वनाथ/त्रिभुवन को 18 नवंबर को मुंबई से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था. अब पुलिस की 7 दिन की रिमांड में विक्रम भट्ट और श्वेतांबरी भट्ट से इस पूरे 'जाल' के मास्टरमाइंड और इसमें शामिल अन्य बड़े नामों के बारे में पूछताछ की जाएगी.

मीडिया के सामने खुद को बताया बेकसूर

विक्रम भट्ट के वकीलों ने हालांकि कोर्ट में रिमांड का विरोध किया और अपनी दलीलें रखीं. उन्होंने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी में प्रक्रियात्मक खामियां थीं और दस्तावेजों पर बिना तारीख/समय के हस्ताक्षर कराए गए थे. दूसरी ओर, विक्रम भट्ट ने पहले मीडिया में कहा था कि एफआईआर "मिसलीडिंग" है और कुछ दस्तावेज फर्जी हो सकते हैं. उन्होंने खुद को बेकसूर बताते हुए जांच में सहयोग करने की बात भी कही थी. बावजूद इसके, पुलिस के मजबूत तर्कों और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उदयपुर कोर्ट ने 7 दिन की रिमांड मंजूर कर दी.

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