Rajasthan News: राजस्थान के झुंझुनूं जिले में पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा देने के बाद पहली बार अपने पैतृक गांव किठाना का दौरा किया. यह यात्रा परिवार की दुखद घटना से जुड़ी थी लेकिन इसमें उनके सहज व्यवहार ने सबका ध्यान खींचा. स्वास्थ्य कारणों से पद छोड़ने के बाद वे अब तक कम ही नजर आए हैं जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म है.
चाची के अंतिम संस्कार में भावुक पल
जगदीप धनखड़ गांव पहुंचते ही अपनी चाची शांति देवी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए. उन्होंने छोटे भाई रणदीप धनखड़ के साथ अर्थी को कंधा दिया. रणदीप आरटीडीसी के पूर्व चेयरमैन हैं. यह दृश्य परिवार की एकजुटता को दिखाता है. धनखड़ ने गांववालों से मिलकर शोक व्यक्त किया और सभी से गर्मजोशी से बात की.
पैतृक घर की छत से गांव का नजारा
संस्कार के बाद धनखड़ अपने पुराने घर पहुंचे. वहां उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात की और फिर छत पर चढ़कर पूरे गांव का मनोरम दृश्य देखा. साथ आए अधिकारियों को उन्होंने गांव की खासियतों के बारे में बताया. यह पल उनके गांव से गहरे जुड़ाव को जाहिर करता है. मार्च 2025 में वे आखिरी बार सांगासी गांव आए थे लेकिन जुलाई में इस्तीफे के बाद यह पहला मौका था जब वे घर लौटे.
विकास कार्य को बढ़ावा
धनखड़ ने गांव में बन रहे आयुर्वेद औषधालय का निरीक्षण किया. उन्होंने निर्माण कार्य की प्रगति देखी और अधिकारियों को इसे जल्द पूरा करने के सख्त निर्देश दिए. यह कदम गांव के स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने की उनकी सोच को दर्शाता है. ग्रामीणों ने उनके इस प्रयास की सराहना की.
मीडिया के सवालों पर चुप्पी
पूरे दौरे में मीडिया ने उनसे इस्तीफे और राजनीतिक मुद्दों पर कई सवाल किए लेकिन धनखड़ ने कुछ नहीं कहा. वे बिना बोले लौट गए. फिर भी अधिकारियों और गांववालों से वे बेहद सहज और मिलनसार दिखे.
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