विज्ञापन
Story ProgressBack

Chhath Puja 2023: नहाय-खाय से लेकर उषा अर्घ्य तक, जानिए 4 दिन तक चलने वाले इस छठ महापर्व के बारे में सबकुछ

छठ पूजा के दौरान सूर्यदेव और छठ मैया की पूजा की जाती है. इस पूजा में भक्त नदी या पासमे तालाब जैसे पवित्र जल में स्नान करते हैं. महिलाएं बिना पानी पिये व्रत रखकर सूर्य देव और छठ माता के लिए प्रसाद तैयार करती हैं. छठ पूजा विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल और झारखंड में मनाया जाता है, लेकिन अब इसका विस्तार देश और दुनिया में भी हो रहा है. 

Read Time: 5 min
Chhath Puja 2023: नहाय-खाय से लेकर उषा अर्घ्य तक, जानिए 4 दिन तक चलने वाले इस छठ महापर्व के बारे में सबकुछ
छठ पूजा को लेकर सजने लगा उदयपुर

Chhath Puja News: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा महोत्सव का आगाज शुक्रवार (17 नवम्बर) से हो रहा है, जो सोमवार (20 नवम्बर) उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ समाप्त होगा. बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल और झारखंड से आकर उदयपुर में रहने वाले पूरबी इसे एकजुटता से मनाते हैं. इन इलाकों के रहने वालों के लिये छठ महापर्व सूर्य उपासना का सबसे बड़ा त्योहार होता है. इस पर्व पर भगवान सूर्य के साथ छठ माई की पूजा-उपासना पूरे विधि-विधान के साथ की जाती है.

छठ का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. 4 दिनों तक चलने वाले छठ पूजा के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन सूर्य को अर्घ्य देते हुए समापन होता है. इस पर्व में आस्था रखने वाले लोग सालभर इसका इंतजार करते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार छठ का व्रत संतान प्राप्ति की कामना, संतान की कुशलता, सुख-समृद्धि और उसकी दीर्घायु के लिए किया जाता है.              

छठ पूजा से जुड़ी कुछ जरूरी बातें

  • छठ पूजा का पहला दिन -  नहाय-खाय (17 नवंबर, दिन शुक्रवार)
  • छठ पूजा का दूसरा दिन -  खरना या लोहंडा (18 नवंबर, दिन शनिवार)
  • छठ पूजा का तीसरा दिन -  छठ पूजा, संध्या अर्घ्य (19 नवंबर, दिन रविवार)
  • छठ पूजा का चौथा दिन -  उगते सूर्य को अर्घ्य, पारण (20 नवंबर, दिन सोमवार)
  • करना पड़ता है कठिन नियमों का पालन

    नहाए-खाय 17 नवम्बर को छठ महापर्व प्रारंभ है यह व्रत शुरुआत से ही बहुत कठिन माना जाता है. इस दिन घरों में कद्दू की सब्जी और चावल ही बनते है. साथ ही 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए इस व्रत को रख जाता है. छठ पूजा का व्रत रखने वाले लोग चौबीस घंटो से अधिक समय तक बिना पानी के उपवास रखते हैं. पर्व का मुख्य व्रत षष्ठी तिथि को रखा जाता है, लेकिन छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से हो जाती है, जिसका समापन सप्तमी तिथि को प्रातः सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के बाद समाप्त होता है.

    18 नवम्बर को खरना 

    खरना यानी लोहंडा छठ पूजा का दूसरा दिन होता है. इस साल खरना 18 नवंबर को है. उदयपुर सूर्योदय सुबह 06 बजकर 53 मिनट पर और सूर्यास्त शाम 05 बजकर 48 मिनट पर होगा.

    मुख्य पूजा संध्या अर्घ्य का समय

    छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य का होता है. इस दिन छठ पर्व की मुख्य पूजा की जाती है. तीसरे दिन व्रती और उनके परिवार के लोग पवित्र नदी,तालाब के घाट पर आते हैं और डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इस साल छठ पूजा का संध्या अर्घ्य 19 नवंबर को दिया जाएगा. 19 नवंबर को सूर्यास्त शाम 05 बजकर 47 मिनट पर होगा.

    चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने का समय

    चौथा दिन छठ पर्व का अंतिम दिन होता है. इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इस महाव्रत का पारण किया जाता है. इस साल 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इस दिन सूर्योदय 06 बजकर 54 मिनट पर होगा. 

    क्या है छठ पूजा का महत्व और पूजन विधि

    छठ पूजा के दौरान सूर्यदेव और छठ मैया की पूजा की जाती है. इस पूजा में भक्त नदी या पासमे तालाब जैसे पवित्र जल में स्नान करते हैं. महिलाएं बिना पानी पिये व्रत रखकर सूर्य देव और छठ माता के लिए प्रसाद तैयार करती हैं. दूसरे और तीसरे दिन को खरना और छठ पूजा कहा जाता है. महिलाएं इन दिनों एक कठिन निर्जला व्रत रखती हैं. साथ ही चौथे दिन महिलाएं पानी में खड़े होकर उगते सूरज को अर्घ्य देती हैं और फिर व्रत का पालन करती हैं.

    छठ का प्रसाद क्यों है खास

    इस दौरान व्रत रख रही महिलाएं सूर्य देव को अर्घ्य दिए बिना किसी भी चीज का सेवन नही करती है. छठ पूजा का प्रसाद बेहद पवित्र होता है इसमे कई प्रकार के फलों को उपयोग किया जाता है. पूजा के लिए बांस से बने सूप और टोकरी का ही इस्तेमाल किया जाता है. पूजा में गन्ने, केले,आम के पत्तों का उपयोग किया जाता है. साथ ही प्रसाद शुद्ध घी में ही बनाया जाना चाहिए.

    ये भी पढ़ें- Rajasthan Election 2023: ताजपोशी की कामना लेकर 'सत्ता की देवी' के मंदिर पहुंचींं वसुंधरा राजे, की पूजा अर्चना

    Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

    फॉलो करे:
    डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
    Our Offerings: NDTV
    • मध्य प्रदेश
    • राजस्थान
    • इंडिया
    • मराठी
    • 24X7
    Choose Your Destination
    Close