Rajasthan: गंगापुर सिटी के विधायक रामकेश मीणा और अन्य लोगों ने 9 जिले खत्म करने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका पर मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव की खंडपीठ 10 जनवरी को सुनवाई करेगी. विधायक के वकील सारांश सैनी ने बताया कि याचिका में कहा गया है कि सरकार का यह फैसला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. गंगापुरसिटी को जिला बने डेढ़ साल हो गया है. यहां जिला कलेक्टर और एसपी ऑफिस खुल गए हैं. सभी तरह के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप हो गया है. सरकार राजनीति से प्रेरित होकर जिलों को खत्म किया है. ये फैसला जनहित में नहीं है.
9 जिलों को खत्म कर दिया गया
28 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक हुई थी. गहलोत सरकार में बनाए गए जिलों में से 9 जिलों और 3 संभाग को खत्म कर दियाा. इसके बाद से विपक्ष पूरी तरह से हमलावर है. सरकार को हर तरफ से घेर रही है. कांग्रेस की अशोक गहलोत की सरकार ने राजस्थान में 17 नए जिले और 3 नए संभाग बनाए थे. जयपुर से अलग जयपुर ग्रामीण जिला बना दिए थे. इसी तरह जोधपुर को भी तोड़कर एक नया जिला बना दिए थे.
गहलोत सरकार ने ये नए जिले बनाए गए थे
नए जिले अनूपगढ़, गंगापुर सिटी, कोटपूतली, बालोतरा, जयपुर ग्रामीण, खैरथल, ब्यावर, नीमकाथाना, डीग, जोधपुर ग्रामीण, फलोदी, डीडवाना, सलूंबर, दूदू, केकड़ी, सांचौर और शाहपुरा बनाए गए थे. बांसवाड़ा, पाली और सीकर को संभाग बनाया था.
भजनलाल सरकार ने 9 जिले खत्म कर दिए
राजस्थान में भजनलाल की सरकार बनी तो नए जिलों के रिव्यू करने के लिए मंत्रियों की कमेटी बनाई गई थी. रिव्यू कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर भजनलाल सरकार ने राजस्थान के 9 जिलों और 3 संभाग को खत्म कर दिए. समाप्त हुए जिले, दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर जिले खत्म. इसके अलावा तीन संभाग बांसवाड़ा, सीकर और पाली भी खत्म कर दिए. बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, फलोदी और सलूंबर जिले बने रहेंगे. राजस्थान में 50 जिले थे. सरकार के इस फैसले के बाद अब राज्य में 41 जिले ही रह जाएंगे. 10 संभाग की जगह 7 संभाग अस्तित्व में रहेंगे.
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